हनुमान जयंती 2020 : तत्काल कृपा पाने के लिए करें ये पाठ

रामभक्त हनुमान की भक्ति के बारे में सभी जानते हैं और चैत्र पूर्णिमा का दिन हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। सभी हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने की चाहत रखते हैं और हनुमान जयंती के दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई जतन भी करते हैं। हनुमान जी की तत्काल कृपा पाने के लिए कई पाठ हैं जिनका जाप करना चाहिए। इन पाठ के जाप से कई परेशानियों का भी अंत होता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

हनुमान अष्टक

हर संकट से मुक्ति के लिए संकटमोचन हनुमानाष्टक का करें पाठ किसी भी प्रकार का कैसा भी बड़ा और भीषण संकट हो संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अत्यंत प्रभावकारी है।

सुंदरकांड

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण पर आधारित महाकाव्य रामचरित मानस का पंचम सोपान है सुंदरकाण्ड। सुंदरकाण्ड में रामदूत, पवनपुत्र हनुमान का यशोगान किया गया है। सुंदरकाण्ड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। किसी भी प्रकार की परेशानी या संकट हो, सुंदरकाण्ड के पाठ से यह संकट तुरंत ही दूर हो जाता है। सुंदरकांड ने भूत, पिशाच, यमराज, राहु, केतु और यमराज सभी का भय दूर हो जाता है।

हनुमान बहुक

यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें। हनुमान जी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।

हनुमान चालीसा

प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। वह भी एक ही जगह बैठकर। जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार (जेल) हो गई है, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के कुकर्म नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। हनुमानजी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं।

बजरंग बाण

यदि आपको राहु और केतु सता रहे हैं और कोई काम नहीं बन रहे हैं या आपके ऊपर मौत का सया मंडरा रहा है तो मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी का बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। यह शत्रु बाधा से मुक्ति भी दिलाता है। लेकिन इस पाठ को करने के लिए पवित्रता और निर्मलता रखना होती है। यदि आप सच्चे हैं तो बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं। इस पाठ से 21 दिन में तुरंत फल मिलता है।