दिवाली का त्योहार राम पर रावण की जीत के लिए मनाया जाता हैं। यह अधर्म पर धर्म की जीत को दर्शाता हैं। रावण अधर्मी होने के साथ महान ज्ञानी माना जाता था। उसके पराक्रम के चर्चे सभी लोक में थे। जिसके चलते रावण कुछ ऐसे काम करना चाहता था, जो प्रकृति के विरुद्ध थे, लेकिन वह उन कामों को सफल बनाने में असफल रहा। आज हम आपको रावण के उन्हीं कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें वह करना चाहता था, लेकिन उसे उनमें असफलता प्राप्त हुई।
* संसार से भगवान की पूजा समाप्त करनारावण का इरादा था कि वो संसार से भगवान की पूजा की परंपरा को ही समाप्त कर दे ताकि फिर दुनिया में सिर्फ उसकी ही पूजा हो।
* स्वर्ग तक सीढिय़ां बनानाभगवान की सत्ता को चुनौती देने के लिए रावण स्वर्ग तक सीढिय़ां बनाना चाहता था ताकि जो लोग मोक्ष या स्वर्ग पाने के लिए भगवान को पूजते हैं, वे पूजा बंद कर रावण को ही भगवान मानें।
* सोने में सुगंध डालनारावण चाहता था कि सोने (स्वर्ण) में सुगंध होनी चाहिए। रावण दुनियाभर के सोने पर खुद कब्जा जमाना चाहता था। सोना खोजने में कोई परेशानी नहीं हो इसलिए वो उसमें सुगंध डालना चाहता था।
* काले रंग को गोरा करनारावण खुद काला था, इसलिए वो चाहता था कि मानव प्रजाति में जितने भी लोगों का रंग काला है वे गोरे हो जाएं, जिससे कोई भी महिला उनका अपमान ना कर सके।
* शराब से दुर्गंध दूर करनारावण शराब से बदबू भी मिटाना चाहता था। ताकि संसार में शराब का सेवन करके लोग अधर्म को बढ़ा सके।
* खून का रंग सफेद हो जाएरावण चाहता था कि मानव रक्त का रंग लाल से सफेद हो जाए। जब रावण विश्वविजयी यात्रा पर निकला था तो उसने सैकड़ों युद्ध किए। करोड़ों लोगों का खून बहाया। सारी नदियां और सरोवर खून से लाल हो गए थे। प्रकृति का संतुलन बिगडऩे लगा था और सारे देवता इसके लिए रावण को दोषी मानते थे। तो उसने विचार किया कि रक्त का रंग लाल से सफेद हो जाए तो किसी को भी पता नहीं चलेगा कि उसने कितना रक्त बहाया है वो पानी में मिलकर पानी जैसा हो जाएगा।
* समुद्र के पानी को मीठा बनानारावण सातों समुद्रों के पानी को मीठा बनाना चाहता था।