रक्षाबंधन का त्योंहार भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती का त्योंहार हैं। जिसमें एक बहिन अपने भाई को रक्षासूत्र पहनाती हैं। लेकिन क्या सिर्फ राखी बाँधने से उसमें शक्ति आ जाती हैं। जी नहीं, राखी बांधते समय एक मंत्र बोला जाता हैं जिसकी वजह से वह साधारण राखी रक्षासूत्र में परिवर्तित होती हैं। हांलाकि आज के समय में उस मंत्र की महत्ता को कम ही लोग समझते हैं। आज हम आपको उस मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से राखी धन संपत्ति में भी वृद्धि कारक होगी क्योंकि इस मंत्र का संबंध सीधा मां लक्ष्मी से है।
राखी का मंत्र है - "येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षे! मा चल! मा चल!!"।
इस मंत्र में राजा बलि का जिक्र किया गया है जिसे मां लक्ष्मी ने राखी बांधकर अपना भाई बनाया था और भगवान विष्णु को वामन रूप में पाताल लोक में निवास करने के वचन से मुक्त करवाया था।
इस संदर्भ में वामन पुराण में एक कथा है कि राजा बलि से भगवान विष्णु ने वामन रूप में दान में तीन पग भूमि मांगकर बलि से तीनों लोक ले लिया। राजा बलि की उदारता को देखकर जब वामन ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा तो राजा बलि ने कहा कि आप हमारे साथ पाताल लोक में निवास करें।
देवी लक्ष्मी परेशान हो गईं और एक दिन बुजुर्ग महिला का वेष बनाकर राजा बलि के दरबार में पहुंज गईं और रक्षासूत्र बंधकर बलि को भाई बना लिया। राजा बलि ने बहन को उपहार में उनका पति लौटा दिया। इस घटना की याद में ही रक्षाबंधन का मंत्र बना जिसका अर्थ है -जिस प्रकार राजा बलि ने रक्षासूत्र से बंधकर विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया। उसी प्रकार हे रक्षासूत्र आज मैं तुम्हें बांधता हूं, तुम भी अपने उद्देश्य से विचलित न हो और दृढ़ बने रहो।