भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती को दिखाने वाला रक्षाबंधन का त्योंहार इस बार 26 अगस्त को मनाया जा रहा हैं। इस त्योंहार का अर्थ उस रक्षा सूत्र से है जिसे हर बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसी के साथ ही भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वादा देता हैं। इस बार 4 साल के बाद ऐसा संयोग बना है, जब रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं हैं। इस वजह से बहनों के लिए यह पर्व बहुत सौभाग्यशाली रहेगा। लेकिन इसी के साथ ही इस दिन एक समय ऐसा हैं जब राखी नहीं बांधनी चाहिए। आइये हम बताते हैं आपको।
ज्योतिष के अनुसार रक्षाबंधन पर कभी भी भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती है। भद्राकाल में राखी बांधने पर अशुभ प्रभाव होता है। इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा। राखी बांधने के लिए सुबह से शाम तक काफी समय मिलेगा। लेकिन इस बात का खास ख्याल रखना होगा जब राहु काल हो तब राखी ना बांधे। 26 अगस्त को शाम 4:30 से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा।
इस बार रक्षाबंधन के समय को लेकर कोई व्यवधान नहीं है। इस बार रक्षा बंधन का मुहुर्त 26 अगस्त की सुबह 5 बजकर 59 मिनट से शाम 5 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इस हिसाब से बहनों को करीब साढ़े ग्यारह घंटे का समय राखी बांधने के लिए मिलेगा। इस दौरान कभी भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।