महाशिवरात्रि 2020 : दीपक जलाने से जुड़ी इन बातों पर जरूर करें गौर

आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व हैं जो कि शिव को समर्पित होता हैं। सभी तरफ शिव के प्रति आस्था और भक्ति देखी जा सकती हैं। शिव के दर्शन मात्र के लिए मंदिरों में भक्तों की पंक्तियां लगना शुरू हो चुका हैं। इस दिन भक्तगण आस्था दिखाते हुए अपनी-अपनी श्रद्धानुसार पूजन-व्रत और विधान करते हैं। जो व्यक्ति व्रत नहीं रखता हैं वह आस्था पूर्वक दीपक तो जलाता ही हैं। इसलिए आज हम आपके लिए दीपक जलाने के पवित्र नियम बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

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कैसा हो दीपक

- घी की जोत जलाने से परिवार में सुख समृद्धि होती है, यह सेहत के लिए भी शुभ है।
- तिल की जोत हर प्रकार के रोगों का हरण करती है।
- अरंडी के तेल से दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है।

कैसी हो बाती

- रूई की बाती शुभ होती है।
- कमल नाल से बनाई बत्ती, पित्तरों द्वारा किए पापों का नाश करती है।
- केले के तने की छाल के रेशे से बनी बाती पितृशाप से मुक्ति देती है, संतान योग होता है। सुख शांति होती है।
- जटामांसी की छाल से बनी भूत-प्रेत बाधा नष्ट करती है।
- नयी पीली साड़ी के टुकड़े से बनी बाती से मां पार्वती और भगवान शंकर की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, बीमारियां दूर होती है।
- लाल साड़ी के टुकड़े से बनी बाती जलाने से शादी में अड़चन व रुकावटें दूर होती है। बांझपन व ऊपरी बाधा (भूत-प्रेत) दूर होते हैं।
- सफेद कपड़े को गुलाब जल में भिगोकर सुखाकर बनी बाती जलाने से सुख समृद्धि बढ़ती है।
- नीम का तेल, घी व महुआ का तेल मिलाकर जलाने से भोलेनाथ के साथ कुलदेवी व कुलदेवता प्रसन्न होते हैं। घर में खुशहाली होती है।
- नारियल का तेल, घी, अरंडी का तेल, नीम तेल के दीपक से 47 दिनों तक भगवती की पूजन करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दांपत्य जीवन सुखी व समृद्ध होता है।

जोत के नियम

- प्रात: 3 से 5 बजे तक जोत जलाने से परिवार का कल्याण व समृद्धि होती है।
- नौकरी की इच्छा वाले, अच्छा जीवन साथी अच्छी संतान की इच्छा वाले, घर में सुख-चैन की कामना करने वाले को गौधूली बेला में जोत जलानी चाहिए।
- एक ज्योति जलाने से लाभ होता है। दो ज्योत जलाने से परिवार में एकता बढ़ती है।
- तीन जोत जलाने से अच्छी संतान पैदा होती है।
- चार जोत जलाने से पशुधन व जमीन जायदाद बढ़ती है।
- पांच जोत जलाने से धन प्राप्ति व सर्व मंगलकारी व पांच देवताओं को प्रिय होती है।