हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष एक ऐसा समय होता हैं जब व्यक्ति अपने पितरों को याद कर और उन्हें भोग लगाकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। यही समय होता हैं जब व्यक्ति अपने कुंडली में स्थित पितृ दोष का निवारण कर सकता हैं। जी हाँ, इन श्राद्ध पक्ष के इन 16 दिनों में किए गए पुण्य कामों के आधार पर ही पितृ दोष का निवारण किया जा सकता हैं। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं, जिनकी मदद से आप पितृ दोष का निवारण कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में.....
* अगर श्राद्ध करने वाले की साधारण आय हो तो वह पितरों के श्राद्ध में केवल एक ब्राह्मण को भोजन कराए या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, शक्कर, सब्जी और दक्षिणा दान करें। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
* अगर कोई व्यक्ति गरीब हो और चाहने पर भी धन की कमी से पितरों का श्राद्ध करने में समर्थ न हो पाए तो वह किसी पवित्र नदी के जल में काले तिल डालकर तर्पण करे। इससे भी पितृ दोष में कमी आती है।
* विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने मात्र से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
* अगर कोई व्यक्ति ऊपर बताए गए उपायों को करने में भी किसी कारणवश कठिनाई महसूस करे तो वह पितरों को याद कर गाय को चारा खिला दे। इससे भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
* इतना भी संभव न हो तो सूर्यदेव को हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि मैं श्राद्ध के लिए जरूरी धन और साधन न होने से पितरों का श्राद्ध करने में असमर्थ हूं। इसलिए आप मेरे पितरों तक मेरा भावनाओं और प्रेम से भरा प्रणाम पहुंचाएं और उन्हें तृप्त करें।