Navratri 2020 : पूजन के बाद करें मां कूष्मांडा की यह आरती

आज नवरात्रि का चौथा दिन हैं और आज देवी के कूष्मांडा स्वरुप की पूजा की जाती हैं। देवी का यह नाम हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण पड़ा हैं। मातारानी के इस रूप की पूजा से आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। मातारानी की सच्चे मन से की गई भक्ति उनका आशीर्वाद दिलवाती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। पूजन के बाद मातारानी की आरती भी की जाती हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए मां कूष्मांडा की आरती लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

मां कूष्मांडा आरती

चौथा जब नवरात्र हो, कूष्मांडा को ध्याते। जिसने रचा ब्रह्मांड यह, पूजन है उनका॥
आद्य शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप। इस शक्ति के तेज से कहीं छांव कहीं धूप॥
कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार। पेठे से भी रीझती सात्विक करें विचार॥

क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार। उसको रखती दूर मां, पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चंद्र की रोशनी यह जग में फैलाए। शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥
नवरात्रों की मां कृपा कर दो मां। नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥
जय मां कूष्मांडा मैया। जय मां कूष्मांडा मैया॥