बसंत पंचमी के दिन की जाती हैं सरस्वती पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और क्या करें इस दौरान

कल 5 फरवरी को माघ शुक्ल पंचमी हैं जिसे बसंत पंचमी के तौर पर जाना जाता हैं। यह दिन मां सरस्वती को समर्पित होता हैं और मातारानी की पूजा की जाती हैं। यही वह दिन हैं जब ब्रह्माजी ने माता सरस्वती को प्रकट किया था। इसी दिन से मूक सृष्टि में ध्वनि का संचार हुआ। रामायण और महाभारत में भगवान राम और श्रीकृष्ण द्वारा देवी सरस्वती की पूजा का जिक्र मिलता है। ऐसे में सभी को मां सरस्वती का पूजन किया जाना चाहिए जो बुद्धि और ज्ञान को सही दिशा प्रदान करते हुए जीवन को सफल बनाने का काम करें। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इस दिन देवी मां को कुछ खास चीजें चढ़ाने से शुभ माना जाता है। इससे देवी सरस्वती की असीम कृपा बरसती हैं।

बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का मुहूर्त

- पंचमी तिथि का आरंभ 5 फरवरी सुबह 3 बजकर 48 मिनट पर।
- पंचमी तिथि समाप्त 6 फरवरी सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर।
- सिद्ध योग शाम 5 बजकर 41 मिनट तक
- अमृत सिद्धि योग सूर्योदय के समय
- रवि योग शाम 4 बजकर 9 मिनट से

पीले रंग के वस्त्र


देवी सरस्वती को पीला रंग अतिप्रिय होता हैं। ऐसे में इस शुभ दिन पर माता रानी को पीले रंग के वस्त्र जरूर चढ़ाएं।

पीले या सफेद रंग के फूल


घर के पूजा स्थल या मंदिर में जाकर मां सरस्वती को पीले या फिर सफेद रंग के फूल चढ़ाएं। मान्यता है कि देवी मां की असीम कृपा बरसती हैं।

पीली बूंदी या चावल का लगाएं भोग

बसंत पंचमी के पावन दिन पर पीली बूंदी या चावल बनाकर देवी मां को भोग लगाएं। इसके बाद इस प्रसाद को सभी में बांटकर खुद भी खाएं। ज्योतिष व वास्तु अनुसार, इससे सरस्वती मां प्रसन्न होती हैं।

पीले चंदन और केसर का तिलक लगाएं


बसंत पंचमी के शुभ दिन पर मां सरस्वती को पीले चंदन और केसर का तिलक लगाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इससे धन के साथ विद्या की बढ़ोत्तरी होती हैं।

पेन व कॉपी चढ़ाएं


सरस्वती माता को ज्ञान व बुद्धि की देवी माना जाता है। इसलिए इस दिन खासतौर पर मां को पेन और कॉफी चढ़ाएं। इसके बाद इसे खुद इस्तेमाल करें। इससे बुद्धि व ज्ञान में वृद्धि होगी। इसके साथ ही कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होगा।