Nirjala Ekadashi 2020 : साल की सभी एकादशी का फल दिलाता हैं यह व्रत, जानें विधि

साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी व्रत आते हैं और अधिकमास होने पर कुल 26 एकादशी व्रत हो जाते हैं। सभी भक्तगण भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए एकादशी का व्रत रखते हैं। 2 जून, मंगलवार को ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है जिसे निर्जला एकादशी के रूप में मनाया जाना हैं। क्या आप जानते हैं कि निर्जला एकादशी का व्रत आपको साल की सभी एकादशी का फल दिलाता हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति को समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और उसके सभी प्रकार के पाप धुल जाते हैं। आज हम आपके लिए निर्जला एकादशी व्रत की पूर्ण विधि लेकर आए हैं ताकि आप इसका पूर्ण फल प्राप्त कर सकें। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

- निर्जला एकादशी व्रत को करने वाले व्यक्ति को दशमी तिथि की शाम से ही इसकी तैयारी करनी चाहिए। इस दिन व्रत में प्रयोग होने वाली सामग्री को एकत्रित कर लें। इसके बाद दशमी तिथि की शाम को सात्विक भोजन करके सो जाएं।

- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और शौचादि से निवृत्त होकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर में साफ-सफाई करें। भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को गंगा जल से नहलाएं। अब दीपक जलाकर उनका स्मरण करें।

- भगवान विष्णु की पूजा में उनकी स्तुति करें। पूजा में तुलसी के पत्तों का भी प्रयोग करें। पूजा के अंत में विष्णु आरती करें। शाम को भी भगवान विष्णु जी के समक्ष दीपक जलाकर उनकी आराधना करें। इस समय विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

- अगले दिन यानि द्वादशी के समय शुद्ध होकर व्रत पारण मुहूर्त के समय व्रत खोलें। सबसे पहले भगवान विष्णु जी को भोग लगाएं। भोग में अपनी इच्छानुसार कुछ मीठा भी शामिल करें। लोगों में प्रसाद बांटें और ब्राह्मणों को भोजन कर कराकर उन्हें दान-दक्षिणा दें। ध्यान रहे, व्रत खोलने के बाद ही आपको जल का सेवन करना है।