Nirjala Ekadashi 2020 : जल के घड़े का दान दिलाता हैं करोड़ों गायों के दान का फल

जगत के पालनहार श्री हरि की कृपा इंसान क्या देवता भी पाना चाहते हैं और इस हेतु एकादशी का व्रता रखकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। समस्त पाप एवं तापों से मुक्ति दिलाने वाली निर्जला एकादशी जो कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती हैं, इस बार 2 जून 2020, मंगलवार को पड़ रही हैं। निर्जला एकादशी का व्रत समस्त एकादशी का फल दिलाता हैं। इस दिन मन,कर्म,वचन द्वारा किसी भी प्रकार का पाप कर्म करने से बचने का प्रयास करना चाहिए,साथ ही तामसिक आहार के सेवन से भी दूर रहना चाहिए।

इस दिन पीताम्बरधारी भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और साथ ही यथाशक्ति श्री विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करते रहना चाहिए। इस दिन गोदान, वस्त्रदान, छत्र, जूता, फल आदि का दान करना बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन साधक बिना जल पिए ज़रूरतमंद व्यक्ति या किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण को शुद्ध पानी से भरा घड़ा यह मंत्र पढ़कर दान करना चाहिए-

देवदेव हृषिकेश संसारार्णवतारक।
उदकुंभप्रदानेन नय मां परमां गतिम्॥

अर्थात संसार सागर से तारने वाले देवदेव हृषिकेश इस जल के घड़े का दान करने से आप मुझे परम गति प्रदान करें। भक्तिपूर्वक इस व्रत को करने से व्रती को करोड़ों गायों को दान करने के समान फल प्राप्त होता है। साथ ही निर्जला एकादशी की कथा पढ़नी या सुननी चाहिये। द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद विधिपूर्वक ब्राह्मण को भोजन करवाकर एवं दक्षिणा देकर तत्पश्चात अन्न व जल ग्रहण करें।