इन 5 मुहूर्त पर कभी ना करे कर्ज का लेनदेन, होगा घाटे का सौदा

आपने देखा होगा कि हिन्दू धर्म में लोग अपने सभी काम मुहूर्त के अनुसार करते हैं ताकि सभी काम अच्छे से संपन्न हो और कोई विघ्न ना आए। लेकिन अक्सर देखा गया हैं कि लोग कर्ज के लेनदेन के दौरान मुहूर्त का ध्यान नहीं रखते हैं जो कि उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता हैं। जी हां, ज्योतिष शास्त्र में किस वार, तिथि में कौनसा नक्षत्र किस काम के लिए अनुकूल या प्रतिकूल माना गया है यह विस्तार से बताया गया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन समय और मुहूर्त के बारे में जो कर्ज के लेनदेन से जुड़ा हुआ हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

वार

कभी भी मंगलवार, शनिवार और रविवार को कर्ज नहीं लेना चाहिए। इसी प्रकार बुधवार के दिन किसी को भी उधार नहीं देना चाहिए। इस दिन दिया गया उधार डूब सकता है।

योग

वृद्धि योग, द्विपुष्कर योग, त्रिपुष्कर योग में भी कर्ज में लिया गया ऋण कभी चुकता नहीं होता।

नक्षत्र

हस्त नक्षत्र में लिया गया ऋण कभी नहीं चुकाया जाता। भूलकर भी हस्त नक्षत्र में कर्ज न लें लेकिन चुकाना समृद्धि और सौभाग्य लाता है। मूल, आद्रा, ज्येष्ठा, विशाखा, कृतिका, ध्रुव संज्ञक नक्षत्र अर्थात उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ तथा उत्तराभाद्रपद एवं रोहिणी आदि नक्षत्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

लग्न

इसी तरह चर लग्न में कर्जा नहीं देना चाहिए वर्ना वापस नहीं मिलता है। चर लग्न में पांचवें व नौवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं हो, वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा। चर लग्न जैसे मेष, कर्क, तुला और मकर में कर्ज लेने पर शीघ्र ही उतर जाता है, लेकिन इन चर लग्न में कभी किसी को कर्ज नहीं देना चाहिए।

संक्रांति

वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है। उक्त सभी संक्रातियों में कर्ज लेन देन नहीं करना चाहिए।