नवरात्रि स्पेशल : महागौरी पूजन के दौरान राशिनुसार करें आसन का चुनाव, मिलेगा मनचाहा फल

मातारानी का पावन पर्व जारी हैं और आज नवरात्रि का आठवां दिन हैं जो कि भगवती महागौरी को समर्पित हैं। आज के दिन देवी का पूजन कर कन्याओं को भोजन कराया जाता हैं। हर व्यक्ति अपने जीवन की परेशानियों से निजात पाना चाहता हैं जिसके लिए मातारानी का पूजन किया जाता हैं। इसके लिए मातारानी के पूजन के दौरान कुछ नियमों का भी ध्यान रखा जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको महागौरी पूजन के दौरान राशिनुसार आसन का चुनाव किए जाने की जानकारी देने जा रहे हैं जिससे आपको मनचाहा फल मिलेगा। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

मेष राशि : लाल ऊन के आसन पर बैठकर लक्ष्मी पूजन करें।
वृषभ राशि : सफेद चमकीले रंग के आसन का प्रयोग लक्ष्मी पूजन में करें।
मिथुन राशि : हरे रंग के आसन का प्रयोग करें।
कर्क राशि : सफेद ऊन के आसन का प्रयोग करें।
सिंह राशि : हल्के गुलाबी रंग के आसन का प्रयोग करें।
कन्या राशि : हल्के हरे रंग के आसन का प्रयोग करें।
तुला राशि : चमकीले सफेद रंग के आसन का प्रयोग करें।
वृश्चिक राशि : हल्के लाल रंग के आसन का प्रयोग करें।
धनु राशि : नारंगी रंग के आसन का प्रयोग करें।
मकर राशि : आसमानी रंग के आसन का प्रयोग करें।
कुंभ राशि : फिरोजी रंग के आसन का प्रयोग करें।
मीन राशि : पीले रंग के आसन का प्रयोग करें।

पूजन की सरल विधि

- इस पूजा में पवित्रता, नियम व संयम तथा ब्रह्मचर्य का विशेष महत्व है।
- पूजा के समय घर व देवालय को तोरण व विविध प्रकार के मांगलिक पत्र, पुष्पों से सजाना चाहिए।
- पूजा में स्थापित समस्त देवी-देवताओं का आह्वान उनके 'नाम मंत्रों' द्वारा कर षोडषोपचार पूजा करनी चाहिए, जो विशेष फलदायिनी है।
- अनेक प्रकार के मंत्रोपचार से विधि प्रकार पूजा करते हुए भगवती से सुख, समृद्धि, यश, कीर्ति, विजय, आरोग्यता की कामना करनी चाहिए।
- इस प्रकार अष्टमी को विविध प्रकार से भगवती जगदंबा का पूजन कर रात्रि को जागरण करते हुए भजन, कीर्तन, नृत्यादि उत्सव मनाना चाहिए तथा नवमी को विविध प्रकार से पूजा-हवन कर 9 कन्याओं को भोजन खिलाना चाहिए।
- अष्टमी को हलुआ आदि प्रसाद वितरित करना चाहिए।
- पूजन-हवन की पूर्णाहुति कर दशमी तिथि को व्रती को व्रत खोलना (पारण करना) चाहिए।
- मां भगवती का पूजन अष्टमी व नवमी को करने से कष्ट, दुःख मिट जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती। यह तिथि परम कल्याणकारी, पवित्र, सुख को देने वाली और धर्म की वृद्धि करने वाली है।
- भगवती महागौरी की आराधना सभी मनोवांछित को पूर्ण करने वाली और भक्तों को अभय, रूप व सौंदर्य प्रदान करने वाली है अर्थात शरीर में उत्पन्न नाना प्रकार के विष व्याधियों का अंत कर जीवन को सुख-समृद्धि व आरोग्यता से पूर्ण करती हैं। मां की शास्त्रीय पद्धति से पूजा करने वाले सभी रोगों से मुक्त हो जाते हैं और धन-वैभव संपन्न होते हैं।