नवरात्रि का पावन पर्व जारी हैं। वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जिसमें दो गुप्त नवरात्रि एक शारदीय नवरात्रि तथा दूसरा चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दोनों शारदीय नवरात्रि चल रहा है और नवरात्रि के 9 दिनों तक मां देवी के 9 स्वरूप की पूजा आराधना करने का विधान है। आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता कहलाता है। प्रेम और ममता की मूर्ति स्कंदमाता की पूजा करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होता है और मां आपके बच्चों को दीर्घायु प्रदान करती हैं।
मां स्कंदमाता का स्वरूपमां स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं जो कि स्वामी कार्तिकेय को अपनी गोद में लेकर शेर पर विराजमान हैं। मां के दोनों हाथों में कमल शोभायमान हैं। इस रूप में मां समस्त ज्ञान, विज्ञान, धर्म, कर्म और कृषि उद्योग सहित पंच आवरणों से समाहित विद्यावाहिनी दुर्गा भी कहलाती हैं। मां के चेहरे पर सूर्य के समान तेज है। स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में अष्टमी तिथि बेहद खास मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक अष्टमी तिथि के दिन माता दुर्गा ने असुरों का संघार करने के लिए प्रकट हुई थीं। नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा आराधना करने का विधान है। इस दिन मातारानी के निमित विधिवत व्रत रखके हवन, पूजा, भोज आदि कराया जाता हैं और मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं। दुर्गा अष्टमी का दिन धार्मिक दृष्टि के साथ ही ज्योतिष के लिहाज से भी महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं। इस रात को इच्छित मनोकामना पूर्ति के लिए लोग तरह-तरह के टोने-टोटके और ज्योतिष उपाय भी करते हैं और अपने दुर्भाग्य के बंद दरवाजे को सौभाग्य में बदलने की चाहत रखते हैं। आज हम आपको दुर्गा अष्टमी के दिन किए जाने वाले उन ज्योतिष उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके जीवन में खुशियां लाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...
मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिएदुर्गाष्टमी तिथि को एक पान का पत्ता लें और उस पर सात गुलाब की पंखुड़ियां रखकर मां दुर्गा को भेंट करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती हैं और नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होती है।
सुख-शांति के लिएदुर्गाष्टमी को अगर 9 कन्याओं को भोजन करा सकें तो यह उत्तम माना जाता है लेकिन अगर ऐसा कर पाना संभव नहीं है तो किसी एक कन्या को घर पर आदरपूर्वक बुलाकर लाल रंग की चुनरी अर्पित करके भोजन कराएं। इसके बाद लाल रंग की सामग्री भेंट करें। इन सामग्री में आप शिक्षा-खेल से संबंधित चीजें, वस्त्र, फल, मिठाई, दक्षिणा, श्रृंगार आदि का सामान अवश्य रखें। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
प्रेम विवाह में आ रही बाधा दूर करने के लिएप्रेम विवाह में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए इस दिन आपको देवी दुर्गा के इस मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए। मंत्र है- 'सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।' मंत्र जाप के बाद मां दुर्गा को इलायची का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके प्रेम विवाह में आ रही सारी अड़चनें अपने आप दूर होती चली जायेंगी।
कष्टों को दूर करने के लिएदुर्गाष्टमी तिथि को माता के मंदिर जाकर मां को लाल चुनरी में मखाने और बताशे के साथ कुछ सिक्के मिलाकर माता को अर्पित करें। इसके साथ ही आप मालपुए और केसर मिश्रित खीर का भोग लगाएं। इसके बाद सुहागिन महिला को श्रृंगार का सामान भेंट करें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट मां दुर्गा के आशीर्वाद से दूर होते हैं।
सुखी दाम्पत्य जीवन के लिएअगर आप अपने दाम्पत्य संबंधों में सुख बनाए रखना चाहते हैं, तो उसके लिए इस दिन आपको सुबह स्नान आदि के बाद देवी मां को सफेद पुष्पों की पुष्पांजलि चढ़ानी चाहिए। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। अगर आप इस दिन दुर्गा चालीसा का पूरा पाठ न कर पाये तो आज के दिन दुर्गा चालीसा का कुछ हिस्सा पढ़ें और बाकी का हिस्सा अगले आठ दिनों के दौरान थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ लें। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपके दाम्पत्य संबंधों में सुख बना रहेगा।
काम में आ रहे अवरोध को दूर करने के लिएतुलसी के आस-पास 9 घी के दीपक जलाएं और एक दीपक बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इसके बाद सफलता और सौभाग्य की प्रार्थना करें। इसके साथ ही चीटियों को आटे में शक्कर मिलाकर डालें। ऐसा करने से आपके काम में आ रहा अवरोध भी दूर होता है।
स्वास्थ्य समस्या दूर करने के लिएअगर पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य को लेकर आपको कुछ परेशानी झेलनी पड़ रही है तो उससे बचने के लिए इस दिन आपको मां दुर्गा के इस मंत्र का 5 बार जाप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।' जाप के बाद माता को पांच फलों का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य को लेकर आपको जो भी परेशानी झेलनी पड़ रही है, उससे आपको जल्द ही छुटकारा मिलेगा।