नागदेवता की पूजा के समय इन 2 मन्त्रों का जाप देता है शुभ फल

हमारे देश में कई त्योंहार और पर्व मनाये जाते हैं, जिनपर विशेष पूजा कर भगवान को प्रसन्न किया जाता हैं। ऐसा ही एक पर्व हैं जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को आता हैं और इसे नागपंचमी के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन नागदेवता की पूजा की जाती हैं और व्रत रखे जाते हैं। नागदेवता की पूजा के समय मन्त्रों का जाप शुभ फलदायक होता हैं। इसलिए आज हम आपको उन दो मन्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका नागदेवता की पूजा के समय जाप करना चाहिए।

* मंत्र 1 :

" ॐ भुजंगेशाय विद्महे,
सर्पराजाय धीमहि,
तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।"

* मंत्र 2 :


"सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।"