Ganesh Chaturthi 2019: क्यों गणपति जी को पसंद है दूर्वा, चढाने से मिलती है विशेष कृपा

कृष्ण जन्माष्टमी की समाप्ति के बाद अब गणेश चतुर्थी की धूम देखी जा रही हैं। गणेश चतुर्थी पर गणपति जी के आगमन से अन्नत चतुर्दशी तक सभी भक्तगण गणपति जी की सेवा करते हैं और उनकी मनचाही चीजों को चढ़ाया जाता हैं। गणपति पूजन में दूर्वा को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि यह गणेश जी को अतिप्रिय हैं और इससे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर गणपति जी को दूर्वा इतनी अतिप्रिय क्यों हैं। तो आइये आज हम बताते हैं आपको इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में।

पुराणों में कथा के अनुसार एक समय अनलासुर नाम का एक राक्षक हुआ था। इसके कोप और अत्याचार से सभी जगह त्राही-त्राही मची हुई थी। ऋषि मुनि देवता इंसान पशु पक्षी सभी इसके अत्याचार से दुखी हो चुके थे। सभी इसके आतंक को रोकने के लिए शिवजी के पास जाकर विनती करते है की हे भोलेनाथ हमें इस निष्ठुर दैत्य से बचा ले। इसके आतंक का अंत जल्द से जल्द करे।

शिवजी उनकी करुणामई विनती सुनकर उन सबसे कहते है की इसका निधान तो सिर्फ गणेश के पास है। सभी फिर श्री गणेश से अनलासुर का संहार करने की बात करते है तो गजानंद ऐसा करने का हामी भर लेते है। फिर श्री गणेश और अनलासुर में एक युद्ध होता है जिसमे लम्बोदर उस दैत्य को निगल लेते है। दैत्य को निगलने के बाद गणेश के पेट में तेज जलन होती है। यह जलन असहनीय हो जाती है। देवी देवता ऋषि मुनि सभी उन्हें उपचार में लग जाते है पर उन्हें आराम नही आता।

तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर श्रीगणेश को खाने को देते है। इसे खाते ही उनके पेट की जलन एकदम से शांत हो जाती है। श्री गणेश कश्यप ऋषि और उनके द्वारा भेट में दी गयी उस दूर्वा से बहूत प्रसन्न होते है और कहते है की जो भक्त इस तरह मुझे दूर्वा चढ़ाएगा वो मेरी विशेष कृपा का पात्र होगा। तब से भक्तो द्वारा यह परम्परा चली आ रही है।