भगवान श्री कृष्ण का रंग नीला क्यूँ!, जाने इसके पीछे की कई रोचक बातें

भगवान् श्री कृष्ण हिन्दू संस्क्रती में अपना बहुत बड़ा महत्व रखते है।इनके दिए गये गीता के उपदेश मुक्ति दिलाने वाले है।जिनके बोलने या पढने से मन की शांति के साथ साथ मुक्ति भी मिल जाती है। कहा जाता है की कृष्ण जी भक्ति करने से जन्म जन्म के पाप् से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मनुष्य को मोक्ष प्राप्त हो जाता है। आज हम आपको बतायेंगे की सबकी अति प्रिय श्री कृष्ण का रंग नीला क्यूँ है। उनके इस नीले रंग के पीछे बहुत सी बाते है जिन्हें बहुत कम लोग ही जाते है तो आइये जानते है इस बारे में....

* श्री कृष्ण जी को भगवान विष्णु जी का अवतार मन जाता है जो की सदा ही गहरे सागरों में निवास करते थे और इसी वजह से उनका रंग नीला है और उनके अवतार होने की वजह से उनका रंग नीला है।

* हिन्दू धर्म में नीले रंग को अनंत का प्रतीक माना जाता है और इसका अर्थ है की जो कभी भी समाप्त नही होने वाला है। इसी वजह से इनका रंग नीला है।

* कहा जाता है की यमुना नदी में कालिया नाम का नाग रहता है जिसको नदी से दूर करने के कृष्ण जी नदी में कूद गये थे और उससे लड़ते समय उसका विष उन पर चढ़ गया था जिस वजह से उनका रंग नीला हो गया।

* कृष्ण के नीले रंग का होने की एक वजह यह भी है की प्रक्रति का बहुत सा भाग नीला है जैसे आसमान, झरने, सागर आदि। श्री कृष्ण जी प्रक्रति का ही रूप होने वजह से उनका रंग नीला है।

* ऐसा भी माना जाता है इनका जन्म बुराई के नाश के लिए हुआ था और नीला रंग इन्होने एक प्रतीक की तरह धारण किया, जिसका अर्थ है बुराई का नाश।

* ब्रह्म सहिंता के अनुसार श्री कृष्ण के अस्तित्व में नीले रंग के छोटे छोटे बादलो का समावेश किया गया है, इस वजह से भी इनका रंग नीला है।