ज्योतिषियों के मुताबिक हर महीने 5 दिन ऐसे होते है जिसमें कोई भी शुभ या मंगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इन पांच दिनों को पंचक कहा जता है। इस माह का पंचक 18 जून दिन शनिवार से शुरू होगा जो कि अगले 5 दिन बाद यानी 23 जून दिन गुरुवार को समाप्त होगा। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से अशुभ फल मिलता है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने के पहले विद्वानजन पहले पंचक पर विचार करते हैं। उसके बाद शुभ कार्य के अनुसार शुभ तिथि का निर्धारण करते हैं। शनिवार के साथ शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak 2022) को बेहद अशुभ समझा जाता है। पंचक (Panchaka) पांच प्रकार के होते हैं
- रोग पंचक - राज पंचक - अग्नि पंचक - मृत्यु पंचक - चोर पंचक
पंचक नक्षत्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा की धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में भ्रमण की अवधि को पंचक कहा जाता है। ये अवधि पांच दिन की होती है। वहीं, चंद्रमा कुंभ या मीन राशि में गोचर करता है तो पंचक आरंभ होता है।मृत्यु पंचक की प्रमुख बातें
- शनिवार के दिन से पड़ने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं। इस पंचक का संबंध मृत्यु से होता है। - मृत्यु पंचक में कोई भी जोखिम वाला काम नहीं करना चाहिए। अन्यथा मुसीबत में पड़ सकते हैं। - मृत्यु पंचक के दौरान चोट लगने और दुर्घटना होने वाले कार्यों से बचाना चाहिए। इस दौरान इसमें वृद्धि होती है। - मृत्यु पंचक में कष्ट मृत्यु तुल्य होती है। यह पंचक पूरी तरह अशुभ माना जाता है। - इस दौरान शारीरिक और मानसिक कार्यों को करने से बचाना चाहिए।