मोरपंख की मदद से भी आप दूर कर सकतें है ग्रहदोष, जाने कैसें

हिन्दू धर्म में मोर के पंखों का विशेष महत्तव है। श्रीकृष्ण का श्रृंगार मोर पंख के बिना अधूरा ही लगता है। वे अपने मुकुट में मोर पंख भी विशेष रूप से धारण करते हैं। मोर पंख का संबंध केवल श्रीकृष्ण से नहीं, बल्कि अन्य देवी-देवताओं से भी है। शास्त्रों के अनुसार मोर के पंखों में सभी देवी-देवताओं और सभी नौ ग्रहों का वास होता है। प्राचीन काल से ही नजर उतारने व भगवान् कि प्रतिमा के आगे वातावरण को पवित्र करने के लिए भी मोर पंख का ही प्रयोग होता आया है। शास्त्रों में बताई गई विधि से मोर पंख को स्थापित किया जाए तो घर के वास्तु दोष दूर होते हैं और कुंडली के सभी नौ ग्रहों के दोष भी शांत होते हैं। आइये जानते है किस अरह मोरपंख दूर करता हैं ग्रहदोष।

* यदि आप कुंडली में स्थित ग्रहों के बुरे प्रभाव दूर करना चाहते हैं या आपको सूर्य, मंगल, शनि या राहु-केतु की अशुभ स्थिति के कारण परेशानियां आती हों तो मोर पंख पर 21 बार मंत्र बोलकर पानी के छीटें दीजिए। इसके बाद मोर पंख को घर में किसी श्रेष्ठ स्थान पर स्थापित कीजिए।

* धन-वैभव में वृद्धि की कामना से निवेदन पूर्वक नित्य पूजित मन्दिर में श्रीराधा-कृष्ण के मुकुट में मोर पंख की स्थापना करके/करवाकर 40वें दिन उस मोर पंख को लाकर अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें। धन-संपत्ति में वृद्धि होना प्रारम्भ हो जायेगी। सभी प्रकार के रुके हुए कार्य भी इस प्रयोग से बन जाते हैं।

* मोरपंख घर की पूर्वी और उत्तर पश्चिम की दीवार पर लगाएं। कहते हैं इस तरह घर में विषैले जीवों का डर भी नहीं रहता। यदि शत्रुता समाप्त करनी हो या कि शत्रु तंग कर रहे हों, तो मोरपंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिंदूर से उस शत्रु का नाम मंगलवार या शनिवार रात्रि में लिखकर उसे घर के पूजा स्थल में रखें व सुबह उठकर उसे चलते पानी में प्रवाहित कर आएं। शत्रु मित्र में बदल जाएगा।

* नवजात बालक को एक मोर का पंख चांदी के ताबीज मे डाल कर पहना देने से बालक डरता नहीं है तथा नजर दोष से भी बचा रहता है। बच्चा जिद्दी हो तो इसे छत के पंखे के पंखो पर लगा दे ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखो की हवा बच्चे को लगे धीरे धीरे उनकी जिद्द कम होती जायेगी।

* अकसर फ्लैट्स में रसोई घर वास्तु के अनुसार नहीं होते। ऐसे में दो मोरपंख रसोईघर में स्थापित करें। मोरपंख भोजन बनाने वाले स्थान से दूर लगाएं। दोनों के नीचे मौलि बांध दें और पंखों पर गंगाजल छिड़क कर ॐ अन्नपूर्णाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा मंत्र से अभिमंत्रित कर स्थापित करें।

* जीवन में मोर पंख से कई तरह के संकट दूर किये जा सकते हैं। अचानक कष्ट या विपत्ति आने पर घर अथवा शयनकक्ष के अग्नि कोण में मोर पंख लगाना चाहिए। थोड़े ही समय में सकारात्मक असर होगा।