संतान की चाहत को पूरा करेंगे ये ज्योतिषीय उपाय, मिलेगी भगवान की कृपा

हर शादीशुदा जोड़ा चाहता हैं कि उनके घर में बच्चों की हंसी-ठिठोली हो और उनका वंश आगे बड़े। लेकिन कई लोगों के जीवन में संतान का यह सुख नसीब नहीं हो पाता हैं। इसके लिए लोग कई नीम-हकीम, वैद्य, और डॉक्टर से परामर्श लेते हैं जो कि जरूरी भी हैं। लेकिन इसी के साथ ही भगवान का आशीर्वाद भी आपका भाग्य बदल सकता हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय लेकर आए हैं जो आपके संतान की चाहत को पूरा करेंगे।

बाल गोपाल की सेवा

जिन लोगों की संतान न हो उन्हे संतान गोपाल की पूजा करनी चाहिए। संतान प्राप्ति के लिए कृष्ण जी का बाल स्वरुप की पूजा करना बेहद लाभकारी रहता है। बाल गोपाल की सेवा पूरे ममता भाव के साथ करनी चाहिए। अगर पति-पत्नी और पूरा परिवार बाल गोपाल की पूजा अर्चनी सच्चे हृदय से संतान की कामना के लिए करें तो अवश्य ही कृष्ण जी प्रसन्न होकर संतान सुख प्रदान करते हैं। संतान प्राप्ति के लिए संतान गोपाल मत्र का जाप करना चाहिए।

''ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।

गर्भ गौरी रूद्राक्ष

जिस तरह से गौरी शंकर रूद्राक्ष वैवाहिक जीवन के लिए लाभदायक होता है, उसी तरह से गर्भ गौरी रूद्राक्ष संतान सुख के लिए बहुत फायदेमंद रहता है। गर्भ गौरी रुद्राक्ष में पहला भाग बड़ा होता है और दूसरा भाग छोटा होता है। रुद्राक्ष का बड़ा भाग मां पार्वती को दर्शाता है तो वहीं छोटा भाग उनके पुत्र गणपति को दर्शाता है। जिन स्त्रियों का गर्भपात हो जाता है उन्हें यह रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इससे उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हो जाती है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए इसे धारण करना चाहिए। अपने पूजा के स्थान पर इस रुद्राक्ष को रखकर पूजा करनी चाहिए और शिव जी के पंचाक्षर मंत्र का कम से कम एक माला जप करना चाहिए।

स्कंद माता की कृपा

आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरुपों में से एक स्कंद माता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है, स्कंद माता अपनी गोद में स्कंद को लिए हुए हैं। स्कंद यानि कार्तिकेय कुमार। मां के इस स्परुप की पूजा सच्चे हृदय से करने पर मां प्रसन्न होकर मातृत्व सुख प्रदान करती हैं। स्कंद माता की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा के साथ इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

पितरों का आशीर्वाद

अगर आपके ऊपर पितृदोष है तो भी संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए पितर तर्पण, पिंडदान आदि करना चाहिए। इससे संतान से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और परिवार मांगलिक कार्य होने लगते हैं।