हर इंसान चाहता है कि वह अपने जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति करें और संकटों से दूरी बनी रहे। इसके लिए वह भगवान की भक्ति भी करता हैं। भगवान की भक्ति में मंत्रोच्चार का बड़ा महत्व माना जाता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए श्रीगणेश से जुड़े कुछ मंत्र लेकर आए हैं, जिनका आप गणेश चतुर्थी के पूजन में मंत्रोच्चार करेंगे, तो आपको सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी और श्रीगणेश की कृपा आप पर बरसेगी। तो आइये जानते हैं उन मन्त्रों के बारे में। * कार्य को विध्न बिना पूर्ण करने के लिए गणेश मंत्र ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ।। * बिगड़े काम सुधारने के लिए गणेश मंत्र त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय । नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम् ।।
* परेशानियों को दूर करने के लिए गणेश मंत्र गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः। द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥ विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः। द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥ विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
* ग्रह दोष से रक्षा के लिए गणेश मंत्र गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक: । नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक: ।। धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक: । गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम् ।।