सावन में इन उपायों से करें भगवान शिव को प्रसन्‍न, जीवन होगा सुखमय

सावन का महीना 6 जुलाई, 2020 से शुरू होने जा रहा हैं और विशेष बात यह हैं कि सावन की शुरुआत सोमवार के साथ हो रही है। सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वजी को समर्पित होता हैं और सृष्टि का संपूर्ण भार इन्हीं पर होता हैं। ऐसे में यह महीना शिवजी को अतिप्रिय होता है। सावन के इस महीने में कुछ उपायों की मदद से शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता हैं और अपने जीवन को सुखमय बनाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

मन की शांति के लिए

सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निपट कर समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति मिलेगी और नए कार्य संपन्‍न करने की ऊर्जा प्राप्‍त होगी।

आमदनी बढ़ाने के लिए

सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथाविधि पूजा करें। इसके बाद ऊं ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: मंत्र का 108 बार जप करें - प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदनी में इजाफा होता है और घर से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।

बीमारी ठीक करने के लिए

सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।

विवाह योग के लिए

यदि आपके घर में पुत्र या पुत्री के विवाह में अड़चन आ रही है तो सावन के महीने में इस उपाय को करके आप इस बाधा को दूर कर सकते हैं। सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं। इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।

मनोकामना पूर्ती के लिए

भगवान शिव को बिल्‍वपत्र अतिप्रिय होता है। समुद्र मंथन से प्रकट हुए हलाकल विष का सेवन करने से उनका कंठ नीला पड़ गया था। तब देवताओं ने बिल्‍वपत्र से औषधि तैयार करके उनका इलाज किया था। यही वजह है कि शिवजी को बिल्‍वपत्र इतना प्रिय है। सावन में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।