इस बार मकर संक्रांति पर बन रहा है यह खास योग, ऐसे करे सूर्य देव को प्रसन्न, मिलेगा लाभ

मकर संक्रांति का पर्व पूरे भारतवर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता हैं, इसलिए इस पर्व को सूर्यदेव की पूजा के लिए जाना जाता हैं। इसी के साथ ही यह पर्व पुण्य की प्राप्ति और अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए भी जाना जाता हैं। हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा की जाती है और उन्हें सूर्य देवता के रूप में पूजा जाता है, जो पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का पोषण करते हैं। इस बार मकर मकर संक्रांति के पर्व पर एक खास योग बन रहा है। साल 2019 में मकर संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जायेगा।

खत्म होगा मलमास

सूर्य के मकर राशि में आने से मलमास समाप्त होगा, जिससे मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। सूर्य जब मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में सूर्य रहता है, तब ये ग्रह उत्तरायण होता है। जब सूर्य शेष राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है, तब दक्षिणायन होता है।

ऐसे करें पूजा

मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें। "मंत्र – ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्"। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है। मकर संक्रांति पर गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है। अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।

आदित्य ह्रदय स्तोत्र का करें पाठ

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर उसकी किरणों से अमृत की बरसात होने लगती है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें क्योंकि यह एक बहुत ही फलदायक रहेगा।

इस मंत्र का करें जाप

सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप 108 बार करें, लाभ होगा।