हनुमान जी का अनोखा मंदिर जहां चोला चढ़ाने के लिए करना पड़ता है 26 साल तक इंतजार, ओबामा और ट्रंप की जीत के लिए हो चुके हैं अनुष्ठान

मध्यप्रदेश के मंदसौर में हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर है। जहां चोला चढ़ाने के लिए भी वेटिंग लिस्ट होती है और भक्तों को चोला चढ़ाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। इंतजार भी एक दो दिन का नहीं बल्कि पूरे 26 साल का। अगर शनिवार को भक्त चोला चड़ाना चाहते हैं तो 2040 में उनकी मनोकामना पूर्ण होगी। वही आज की स्थिति में सामान्य दिनों में 7 साल तो मंगलवार के लिये 26 साल का इंतजार भक्तों को करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं राम रक्षा स्त्रोत करवाने के लिये 2 साल और लड्डू चूरमे के भोग के लिए भी करीब 2 साल की प्रतिक्षा भक्तों को करना पड़ेगी। ऐसी मान्यता है कि, हनुमान जी कलियुग के प्रत्यक्ष देवता है, उनके दर्शन मात्र से राम की कृपा सुलभ हो जाती है। जिससे दैहिक, दैविक और भौतिक ताप तुरंत दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि यहां हर दिन चोला चढ़ाने के बावजूद चोले की प्रतिक्षा सूची सालों की लम्बित है।
बता दें मंदसौर के तलाई वाले बालाजी के प्रति यहां के लोगों की अटूट आस्था और श्रद्धा है। मंदसौर में यह मंदिर गांधी चौराहा और बालागंज के संधि स्थल के बीच स्थित है। तलाई वाले बालाजी का मंदिर एक ऐसा अनूठा मंदिर है जहां पट खुलने से राम रक्षा स्त्रोत की गूंजती है तो वहीं रात को पट बन्द होने पर सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालिसा और भजन कीर्तन के सूर गूंजते रहते है। प्रतिदिन सैकड़ों से लेकर हजारों की तादाद में भक्त यहां मत्था टेककर दयालु बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले तलाई वाले बालाजी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भक्ति और श्रद्धा इतनी अटूट है कि व्यापारी और नौकरी पर जाने वाले लोग पहले दरबार में मत्था टेकते है और फिर अपने काम-काज की शुरूआत करते हैं।

भक्त रविन्द्र पांडेय बताते है कि इस मंदिर के चमत्कार को मानने वाले देश के साथ-साथ विदेश में भी मौजूद हैं। इस मंदिर में ओबामा से लेकर ट्रंप तक की जीत के लिए विशेष अनुष्ठान संपन्न हुए हैं। गौरतलब है कि हनुमान भक्त ओबामा तो हनुमान जी की एक छोटी मूर्ति भी अपने साथ रखते हैं। मंदिर प्रबंधक धीरेन्द्र त्रिवेदी के मुताबिक इस मंदिर की ख्याति लागतार बढ़ती जा रही है। देश विदेश से भक्त 700 वर्ष पुराने इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। हनुमान जयंती पर यहां 3 दिवसीय विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।