अगर आपके प्रेम विवाह में आ रही है अड़चने तो घबराए नहीं करें ये उपाय, मिलेगा फायदा

विवाह को जीवन का महत्वपूर्ण अंग माना गया हैं और अगर यह प्रेम विवाह हो तो बहुत ही सुखद होता हैं। वर्तमान समय में युवा वर्ग प्रेम तो कर लेता हैं लेकिन किन्हीं निजी कारणों के कारण उन्हें शादी के आयामों तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता हैं और प्रेमी जोड़े को अलग होना पड़ता हैं। लेकिन आप किसी को प्रेम करते हैं और चाहते हैं कि आप लोगों का साथ जिंदगी भर बना रहे और एक सुखी वैवाहिक जीवन जियें। तो आपके लिए हम आये हैं कुछ ऐसे उपाय जो आपका प्रेम विवाह कराने में कारगर साबित होंगे। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

* भगवान विष्णु और लक्ष्मी की तीन महीने तक विधि के अनुसार पूजा करने और मंत्र जाप से सच्चे प्रेम की मानोकामना पूर्ण हो जाती है। इस पूजा का शुभारंभ शुक्ल पक्ष में गुरुवार के दिन से करनी चाहिए। उनकी सामान्य पूजन के बाद मंत्र ‘ओम लक्ष्मी नारायण नमः’ का तीन माला जाप तीन महीने तक लगातार किया जाना चाहिए। इसी के साथ तीन माह तक प्रत्येक गुरुवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

* प्रेमी युगल को शनिवार और अमावस्या के दिन नहीं मिलना चाहिए। इन दिनों में मिलने से आपस में किसी भी बात पर विवाद हो सकता है। एक दूसरे की कोई भी बात बुरी लग सकती है तथा प्रेम संबंधोंं में सफलता मिलने में संदेह हो सकता है।

* प्रेमी युगल को यह प्रयास करना चाहिए कि शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें। जिस शुक्रवार को पूर्णिमा हो वह दिन अत्यंत शुभ रहता है इस दिन मिलने से परस्पर प्रेम व आकर्षण बढ़ता है।

* अपने प्रेमी या प्रेमिका को अपने मन में रखकर ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा: मंत्र से राधा-कृष्ण की प्रतिमा, तस्वीर या मंदिर में जाकर सच्चे मन से 108 बार भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करें। प्रति शुक्रवार किसी भी राधा कृष्ण के मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा का दर्शन करें उन्हें फूल माला, और मिश्री का भोग लगाएं, अति शीघ्र ही प्रेम विवाह में आ रही हर अड़चन दूर होगी, प्रेम विवाह में अवश्य सफलता मिलेगी।

* यदि आप किसी को अपना बनाना चाहते हैं तो माँ दुर्गा की की पूजा करे माता को लाल रंग की ध्वजा चढ़ाएं व प्रेम में सफलता की मनोकामना मांगें।

* प्रेम-विवाह में सफलता के लिए शुक्ल पक्ष में प्राण प्रतिष्ठत असली गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करें।

* कन्या अधिकतर अपने हाथों में हरी चूडियां तथा प्रत्येक गुरुवार को पीले और शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें।