Ganesh Chaturthi 2018 : गणपति जी की स्थापना के समय करें इस तरह पूजन, जानें पूर्ण विधि

गणेश चतुर्थी का त्योहार हिन्दू धर्म में बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस दिन श्री गणेश का धरती पर आगमन होता हैं और विनायक जी की स्थापना की जाती हैं। गणेश चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी तक पूरे दस दिन गणपति जी की सेवा की जाती हैं। सभ भक्तगण गणेश चतुर्थी के दिन अपने घरों में श्रीगणेश की मूर्ती की पूरे विधिविधान के साथ स्थापना करते हैं और पूजन करते हैं। आज हम आपको स्थापना के समय की जाने वाली पूजन विधि के बारे में ही बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

* आचमन- ॐ केशवाय नम:। ॐ नारायणाय नम:। ॐ माधवाय नम:। कहकर हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करें एवं ॐ ऋषिकेशाय नम: कहकर हाथ धो लें।
* इसके बाद प्राणायाम करें एवं शरीर शुद्धि निम्न मंत्र से करें। (मंत्र बोलते हुए सभी ओर जल छिड़कें)।
* "ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।"
* गणेश जी के स्थान के उलटे हाथ की तरफ जल से भरा हुआ कलश चावल या गेहूं के ऊपर स्थापित करें।
* धूप व अगरबत्ती लगाएं।
* कलश के मुख पर मौली बांधें एवं आमपत्र के साथ एक नारियल उसके मुख पर रखें। नारियल की जटाएं सदैव ऊपर रहनी चाहिए।
* घी एवं चंदन को तांबे के कलश में नहीं रखना चाहिए।
* गणेश जी के स्थान के सीधे हाथ की तरफ घी का दीपक एवं दक्षिणावर्ती शंख रखना चाहिए।