13 सितंबर को गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi 2018 है। इसी तिथि पर सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म हुआ था। भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश का जन्म चतुर्थी को मध्याह्न काल में हुआ था। इसलिए मध्याह्न काल में ही भगवान गणेश की पूजा और प्रतिमा की स्थापना की जाती है इस समय को बेहद शुभ समय माना गया है। गणपति की विधिवत स्थापना और पूजा-अर्चना करने से ही सारे दुखों का हरण और जीवन मंगलमय होता है।गणेशोत्सव का प्रसिद्ध महापर्व इस साल श्री गणेश चतुर्थी 13 सितम्बर 2018 गुरुवार से प्रारम्भ होकर 23 सितम्बर 2018 रविवार को गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होगा। गणेशोत्सव का नाम आते ही सबके मुंह पर एक नाम तो आता ही हैं वो है लालबाग चा राजा का। इस मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में अपने मौजूदा स्थान पर (लालबाग, परेल) हुई थी। पूर्व पार्षद श्री कुंवरजी जेठाभाई शाह, डॉ॰ वी. बी कोरगांवकर और स्थानीय निवासियों के लगातार प्रयासों और समर्थन के बाद, मालिक रजबअली तय्यबअली ने बाजार के निर्माण के लिए एक भूखंड देने का फैसला किया।
यह गणेश मंडल अपने 10 दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को खासा आकर्षित करता है। इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’(इच्छाओं की पूर्ति करने वाले) के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष केवल दर्शन पाने के लिए यहां करीबन 5 किलोमीटर की लंबी कतार लगती है, लालबाग के गणेश मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन किया जाता है इसलिए आज हम लालबाग चा राजा 2017 गणेशोत्सव के Day 5 की आरती लेकर आए हैं।