कोरोना संकट के चलते भक्तों के लिए सील हुई मथुरा, लाइव टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा कृष्ण जन्मोत्सव

आज यानी 12 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण जो की विष्णु के आठवे अवतार थे उनका जनमोत्सव है। भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। मुरली मनोहर, बाल गोपाल, कान्हा, रास बिहारी और न जाने कितने नाम और उनकी उतनी ही लीलाएं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है। हर साल बृज में जन्माष्टमी के मौके पर काफी धूम रहती है, लेकिन इस बार लोगों ने कार्यक्रमों से दूरी बना ली है। जिसकी वजह से देश ही नहीं दुनियाभर में फैलता कोरोना संक्रमण। पिछली बार जन्माष्टमी 23 अगस्त को पड़ी थी। उस समय.शहर के हर चौराहे को रंग-बिरंगे झालरों से सजाया गया था। हर नुक्कड़ पर दस राज्यों से आए कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे। योगी सरकार ने 2019 को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया था। समय वही है, लेकिन कोरोना संकट के समय मथुरा में सन्नाटा पसरा है। प्रशासन ने मथुरा को सील कर दिया है। 13 अगस्त तक मथुरा में किसी बाहरी जिले के व्यक्ति का प्रवेश निषेध कर दिया गया है।

उत्साह बना रहे इसके लिए सजाया गया है 20 चौराहों को

कृष्ण जन्मोत्सव के वक्त उत्साह बना रहे इसके लिए नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है। यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नागेन्द्र प्रताप ने बताया कि नगर निगम द्वारा 20 चौराहों को रंग बिरंगे कपड़ों से सजाया गया है। इस साल कोरोना संकट को देखते हुए भक्तों से मथुरा न आने की अपील की गई है। नागेन्द्र प्रताप ने बताया कि यूं तो मथुरा के सभी मंदिरों को भक्तों के लिए बन्द किया गया है। लेकिन, श्री कृष्ण जन्मस्थान से जन्मोत्सव का लाइव टीवी चैनलों पर किया जाएगा, जिसे भक्त लाइव अपने आराध्य को देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि जो भी चैनल लाइव करना चाहता है, सिटी मजिस्ट्रेट के यहां से परमिशन ले सकता है। श्री कृष्णा जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार तय किया गया है कि इस जन्मोत्सव में कमेटी के चुनिंदा लोग ही शामिल होंगे। साथ ही जो पुजारी है, वह रहेंगे। उन्होंने कहा पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारी बहुत सी योजनाएं थीं, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए अब मंदिरों के बन्द कपाट के पीछे ही जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

ऐसा होगा जन्मोत्सव का कार्यक्रम

श्री कृष्णा जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि रात 12 बजे ठाकुरजी का जन्म होगा। वह पूर्णेदु कुंज में विराजमान होकर पधारेंगे। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर भगवान रेशम, जरी एवं रत्न प्रतिकृति के सुंदर संयोजन से बनी पुष्प वृंत पोशाक धारण करेंगे। यह पोशाक बुद्धवार की सुबह मंगला आरती से पहले धारण कराई जाएगी। पोशाक में रत्न, मोती, एवं रेशम का प्रयोग करते हुए कमल पुष्प, लता पता आदि का कार्य किया गया है। इस पोशाक को मंगलवार की शाम ढोल , मृदंग की मधुर धुन के मध्य भागवत भवन स्थित मन्दिर में लाया गया।

ऐसे होगी जगत के पालनहार की पूजा

श्री कृष्ण जन्मस्थान पर बाल गोपाल का सबसे पहले अभिषेक स्वर्ण रजत निर्मित कामधेनु गाय के थनों से निकले दूध से होगा। उससे पहले बाल गोपाल को रजत निर्मित कमल पुष्प में विराजमान कराया जाएगा और भगवान उसी में से प्रकट होंगे। इसका इंतजाम कुछ इस तरह किया गया है कि जैसे ही जन्म होगा वैसे ही गाय के थन से दूध निकलने लगेगा। यह बिल्कुल स्वचालित यन्त्र कि तरह होगा। गाय के दूध से अभिषेक होने के बाद ठाकुर जी का दही, घी, बूरा, शहद और दूध से दिव्य अभिषेक किया जाएगा।

कपिल शर्मा ने बताया कि रात्रि 12:10 से 12:20 तक अभिषेक चलेगा, जबकि 12:40 से 12:50 तक श्रृंगार आरती होगी। रात 1 बजे शयन आरती होगी। जन्म के समय मंदिर परिसर में शंख, ढोल नगाड़े और मृदंग बजेगा। शहनाई और नगाड़ों के साथ ही मंगला आरती भी होगी। आरती के बाद ठाकुर जी का पंचामृत से अभिषेक भी होगा।