हरियाली अमावस्या 2020 : कथा से जानें इसकी महत्ता

आज का दिन शिव भक्तो के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सावन के इस महीने में 20 साल बाद हरियाली और सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा हैं। आज के दिन की गई पूजा शिव का आशीर्वाद दिलाती हैं। हरियाली अमावस्या के दिन पौधारण का विशेष महत्व माना जाता हैं क्योंकि पौधों में देवताओं का वास होता है। आज इस कड़ी में हम आपको हरियाली अमावस्या की कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जो इसकी महत्ता को दर्शाती हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

एक राजा था। उसके एक बेटा बहू थे। बहू ने एक दिन मिठाई चोरी करके खा ली और नाम चूहा का ले लिया, यह सुनकर चूहे को गुस्सा आया, और उसने मन मे विचार किया कि चोर को राजा के सामने लेकर आऊंगा।

एक दिन राजा के घर में मेहमान आये थे, और वह राजा के कमरे में सोये थे, चूहे ने रानी के कपड़े ले जाकर मेहमान के पास रख दिये। सुबह उठकर सब लोग आपस में बात करने लगे की छोटी रानी के कपड़े मेहमान के कमरे में मिले। यह बात जब राजा ने सुनी तो उस रानी को घर से निकाल दिया। वह रोज शाम को दिया जलाती और ज्वार बोती थी। पूजा करती गुडधानी का प्रसाद बाँटती थी। एक दिन राजा शिकार करके उधर से निकले तो राजा की नजर उस रानी पर पडी। राजा ने अपने सैनिकों को कहा कि जाकर देखो उस पेड़ पर।

अगले दिन राजा के सैनिकों ने पेड़ के ऊपर जाकर देखा तो दिये आपस में बात कर रहे थे। उसमें से एक दिया बोला मैं राजा के घर का हूँ उस राजा की एक बहू थी उसने एक बार मिठाई चोरी करके खा ली और चूहे का नाम ले लिया। जब चूहे को गुस्सा आया तो रानी के कपड़े मेहमान के कमरे में रख दिए राजा ने रानी को घर से निकाल दिया, वो रोज मेरी पूजा करती थी, भोग लगाती थी। उसने रानी को आशीर्वाद दिया वह सुखी रहे। फिर पेड़ पर से उतर कर सैनिक घर आए और बताया कि रानी का कोई दोष नहीं था। राजा ने रानी को घर बुलाया और सभी सुख से रहने लगे।