हस्तरेखा से पहचानें आपकी जिंदगी में राजयोग है कि नहीं

हर व्यक्ति यहीं चाहता हैं कि वो अपनी जिंदगी में राजा की तरह जिए। हर कोई जानना चाहता हैं कि उनकी जिंदगी में राजयोग है कि नहीं। राजयोग अर्थात सभी सुख-सुविधाएं और मान-सम्मान से परिपूर्ण जीवन। ऐसा जरूर नहीं है कि केवल कुंडली देख कर ही इसका पता लगाया जा सकता हैं, इन योगों की जानकारी हस्तरेखा और सामुद्रिक शास्त्र से मिल सकती है। तो आइये चलिए देखते हैं कि हाथ देखकर किस तरह के संकेत ये बताते हैं कि आपकी जिंदगी में राजयोग है कि नहीं।

* जिसकी हथेली के मध्य घोड़ा, घड़ा, पेड़, दंड या स्तंभ का चिह्न हो, वह राजसुख भोगने वाला, नगर सेठ के समान धनी होता है। जिसका ललाट चौड़ा और विशाल, नेत्र सुंदर, मस्तक गोल और भुजाएं लंबी हों, वह भी राजसुख भोगता है।

* जिसके हाथ में धनुष, चक्र, माला, कमल, ध्वजा, रथ, आसन अथवा चतुष्कोण हो, उसके ऊपर लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहती है।

* आपके हाथ में शनि का त्रिशूल चिह्न है, चन्द्र रेखा का भाग्य रेखा से संबंध हो या फिर भाग्य रेखा हथेली के बीचों-बीच से शुरू होकर उसकी एक शाखा गुरु पर्वत पर और दूसरी सूर्य पर्वत पर जा रही है तो आप किसी राज्य के अधिकारी होते हैं।

* आपके बाएं हाथ की तर्जनी और कनिष्ठिका की अपेक्षा दाहिने हाथ की तर्जनी और कनिष्ठिका मोटी और बड़ी है। इसके साथ अगर मंगल पर्वत ज्यादा ऊंचा है और सूर्य रेखा प्रबल है तो आप कलेक्टर या कमिश्नर बनते हैं।

* आपकी अंगुलियां लंबी, अंगूठा लंबा और सीधा है, अंगुलियां सटी हुई हैं और मस्तक रेखा में सीधी दो रेखाएं निकली हैं। इसके साथ हथेली चपटी है तो आप बैरिस्टर बनते हैं।

* यदि अंगूठे में यव का चिह्न हो, साथ ही मछली, छाता, अंकुश, वीणा, सरोवर या हाथी समान चिह्न हो तो वह व्यक्ति यश्स्वी और अपार धन का स्वामी होता है।

* जिसके हाथ के सूर्य, बुध, गुरु, शनि उच्च हो अंगुलियां लंबी होकर उनके ऊपरी भाग मोटे हों, सूर्य रेखा प्रबल हो मध्यांगुली का मध्य पर्व बड़ा हो, वह शिक्षाधिकारी होता है।

* जिसके हाथ की हृदय रेखा और मस्तक रेखा के बीच एक चौड़ा चतुष्कोण हो, मस्तक रेखा सीधी व स्वच्छ हो, बुधांगुली का प्रथम पर्व लंबा हो, गुरु की उंगली सीधी हो सूर्य पर्वत उठा हो, वह दयालु न्यायाधीश होता है।