Janmashtami Special : जन्म के दौरान कृष्ण को लगा था सर्प दंश दोष, निवारण के लिए किया था यह उपाय

श्रीकृष्ण जनमाष्टमी Janmashtami Special का पर्व आने वाला हैं जिसे 3 सितंबर को पूरे देश में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं और इस दिन देश के कई हिस्सों में दही-हांडी का भी आयोजन किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तब उन्हें सर्पदंश योग लगा हुआ था और इसे हटाने के लिए मोरपंख का इस्तेमाल किया गया था, जो उत्तराखंड के हरिद्वार से मंगाया गया था। आज हम आपको इसके पीछे की कहानी के बारे में ही बताने जा रहे हैं।

जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तो उनकी कुंडली में सर्प दंश योग था। यानी जीवन में कभी ना कभी उनको नाग से खतरा हो सकता है। वहीं उनके नामकरण कराने के लिए आए कात्यायन ऋषि ने इस दोष को दूर करने के लिए मोरपंख लाने के लिए कहा।

मनसादेवी पर्वत से निकलने वाले नारायण स्रोत के आसपास के इलाके से ही मोर का पंख लाना होगा। कहा जाता है कि, इस जगह का महत्त्व इसलिए है क्योंकि इस पर्वत पर नाग पुत्री मनसादेवी विराजमान हैं।

मोर नाग का दुश्मन होता है इसलिए यह पंख अगर वहां से लाया जाएगा तो कान्हा का दोष खत्म हो जाएगा। वहीं हरिद्वार के बिल्व पर्वत पर सबसे ज्यादा मोर पाए जाते थे। तब उन्होंने हरिद्वार के इसी पर्वत से पंख लाकर दिया। तभी से श्रीकृष्ण के मुकुट में मोरपंख विराजमान है।