शनि प्रदोष व्रत 2020 : क्यों माना गया हैं इसे अति लाभकारी, जानें क्या करें इस दिन

हर महीने के शुक्ल या कृष्ण पक्ष की द्वादशी/त्रयोदशी तिथि को प्रदोष के रूप में जाना जाता हैं जो कि शिव को समर्पित होती हैं और इस दिन रखा गया व्रत भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करता हैं। इसी के साथ ही अगर यह व्रत किसी खास दिन आता हैं तो उस दिन से संबंधित देवता का पूजन करना अतिलाभदायी माना गया है। आज 7 मार्च 2020 को शनि प्रदोष व्रत है। यह दिन भोलेनाथ के साथ शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए बहुत महत्व रखता हैं।

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अत: इस दिन कोई भी जातक पूरी श्रद्धा व मन से शनि देव की उपासना करें तो उसके सभी कष्‍ट और परेशानियां निश्चित ही दूर होते हैं तथा शनि का प्रकोप, शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव की कम हो जाता है, इसका अनुभव जातक स्वयं लेकर फिर दूसरे किसी अन्य पीड़ित के कष्ट को दूर कर सकता है। शनि को मनाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है। शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम होता है।

यह व्रत करने वाले को शनि प्रदोष के दिन प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनिदेव का पूजन करना चाहिए। इस दिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रहीं परेशानियां और शनि के अशुभ प्रभाव से मिलने वाले बुरे फलों में कमी आती है। व्रत करने वाले जातक को यह पाठ कम से कम 11 बार अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज:, शिव चालीसा का पाठ तथा आरती भी करनी चाहिए।

इस व्रत में प्रदोष काल में आरती एवं पूजा होती है। संध्या के समय जब सूर्य अस्त हो रहा होता है एवं रात्रि का आगमन हो रहा होता है उस प्रहार को प्रदोष काल कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की प्रदोष काल में शिव जी साक्षात शिवलिंग पर अवतरित होते हैं और इसीलिए इस समं शिव का स्मरण करके उनका पूजन किया जाए तो उत्तम फल मिलता है। इसके साथ ही शनि प्रदोष होने के कारण शनि देव का पूजन करना अवश्य ही लाभदायी रहता है।