आज है गुरु प्रदोष व्रत, जानें इसकी पूर्ण पूजा विधि और महत्व के बारे में

हिन्दू धर्म में व्रत-उपवास का बड़ा महत्व माना जाता है और यह भगवान का आशीर्वाद पाने का एक जरिया बनता हैं। इन्हीं व्रत में प्रदोष व्रत का भी बड़ा महत्व होता है जो चंद्रमास के 13वें दिन आता हैं। इस दिन का व्रत भगवान शिव और माँ पार्वती को समर्पित होता हैं और इस व्रत से दो गायों के दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती हैं। आज गुरुवार के दिन प्रदोष का व्रत आया है और इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता हैं। आज हम आपको इस व्रत की पूजा विधि और महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आप इसका पूर्ण लाभ उठा सकें। तो आइये जानते हैं इस व्रत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।

इस दिन पूजा-पाठ और दान का बहुत महत्व होता है। कुछ लोग इस व्रत को अपने शत्रु से विजय पाने के लिए भी करते हैं। लोगों के दुख दूर होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। भगवान शंकर और माता पार्वती लोगों की हर इच्छाओं को पूरा करते हैं।

प्रदोष व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करते हैं। इसके बाद भगवान शिव को बेल पत्र, चावल, फूल, धूप, दीप, फल, पान, सुपारी आदि चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। इस बार प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन को बहुत शुभ बताया जा रहा है।

आज यह व्रत गुरुवार को आया है और इस उपवास को रख कर भक्त अपने सभी मौजूदा खतरों को समाप्त कर सकते हैं। इसके अलावा गुरुवार प्रदोष व्रत रखने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।