हिंदू धर्म में होली का त्योहार दो दिवसीय होता है। इसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है। होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पुराणों में होलिका दहन और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि होलिका दहन के दिन होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के साथ सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। इस बार रंगों का त्योहार होली इस बार 25 मार्च को मनेगा। इससे एक दिन पहले 24 तारीख को होली जलाई जाएगी। इस बार भद्रा दोष रहेगा इसलिए शाम की बजाय रात में होलिका दहन हो सकेगा। होलिका दहन के समय सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, बुध आदित्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है।
कैसे करें होलिका दहनहोलिका दहन के बाद जल से अर्घ्य दें। शुभ मुहूर्त में होलिका में स्वयं या परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित कराएं। आग में किसी भी फसल को सेंक लें और अगले दिन इसे सपरिवार ग्रहण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया
ज्योतिषाचार्य और हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होलिका दहन के लिए एक घंटा 20 मिनट का ही समय रहेगा। इसकी वजह इस दिन उस दिन भद्रा प्रातः 9:55 से आरंभ होकर रात्रि 11:13 तक भूमि लोक की रहेगी। जो की सर्वथा त्याज्य है। अतः होलिका दहन भद्रा के पश्चात रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य होगा।
सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य और रवि योग 24 मार्च को सुबह 6:20 बजे से सुबह 11:21 बजे तक रवि योग रहेगा, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7:40 बजे से रात 12:35 बजे तक रहेगा। इसी दिन रात 8:34 बजे से वृद्धि योग शुरू होगा, जो अगली रात 9:30 बजे तक रहेगा। 24 व 25 मार्च को सूर्य व बुध के कुंभ राशि में साथ रहने से बुधादित्य योग भी बनेगा, जो शुभ व मंगलकारी होगा। बुधादित्य योग से लोगों के व्यापार, शिक्षा व नौकरी के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। दान-पुण्य करने का भी श्रेष्ठ फल मिलता है।
शुभ मुहूर्तहोलिका दहन तिथि- 24 मार्च 2024 भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन मुहूर्त
24 मार्च 2024 - रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33
कुल अवधि - लगभग 01 घंटे 20 मिनट
होली तिथिपूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 24 मार्च 2024 को सुबह 8:13 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 25 मार्च 2024 को सुबह 11:44 मिनट
होलिका दहन के दिन क्या नहीं करना चाहिएहोलिका दहन के दिन सफेद खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं करना चाहिए। होलिका दहन के समय सिर ढक कर ही पूजा करनी चाहिए। नव विवाहित महिलाओं को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। सास-बहू को एक साथ मिलकर होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। इस दिन को भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
होलिका दहन की रात भी महारात्रि की श्रेणी में शामिलहोलिका दहन की रात को भी दीपावली और शिव रात्रि की भांति ही महारात्रि की श्रेणी में शामिल किया गया है। होलिका की राख को मस्तक पर लगाने का भी विधान है। ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। इस रात मंत्र जाप करने से वे मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है। जीवन सुखमय बनता है, जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का अपने आप निराकरण हो जाता है।
भविष्यवक्ता और ज्योतिषीय के अनुसार राशि अनुसार करें होलिका की पूजा- मेष राशि के लोग गुड़ की आहुति दें।
- वृषभ राशि वाले चीनी की आहुति दें।
- मिथुन राशि के लोग कपूर की आहुति दें।
- कर्क राशि के लोग लोहबान की आहुति दें।
- सिंह राशि के लोग गुड़ की आहुति दें।
- कन्या राशि के लोग कपूर की आहुति दें।
- तुला राशि वाले कपूर की आहुति दें।
- वृश्चिक राशि के लोग गुड़ की आहुति दें।
- धनु राशि के लोग जौ और चना की आहुति दें।
- मकर राशि वाले तिल को होलिका दहन में डालें।
- कुंभ राशि वाले तिल को होलिका दहन में डालें।
- मीन राशि के लोग जौ और चना की आहुति दें।