पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा नाज़ुक और अहम होता है। अगर इस रिश्ते में दरार आ जाए तो पूरा जीवन बरबाद हो जाता है। पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह कई बार शक या दोनों के बीच किसी और पराई स्त्री का आ जाना भी हो सकता है। पराई स्त्री की वजह से आपका वैवाहिक जीवन मुश्किलों से भर जाता है। सौतन किसी पत्नी का सुख-चैन छिनने वाली होती हैं। इसलिए कोई भी स्त्री कभी नहीं चाहेगी कि उसका पति सौतन यानि पराई स्त्री के साथ प्रेम-संबंध कायम करे। इसके लिए वह पति पर तरह-तरह के अंकुश बनाती हैं और भावनात्मक स्तर पर वैवाहिक रिश्तों की पाबंदियां लगाती है। यदि आपके जीवन में भी ऐसी कोई सौतन है तो उससे छुटकारे के लिए ज्योतिष विद्या में अनेक उपाय दिए गए हैं। आप इन उपायों को अपनाकर अपना जीवन सुखमय बना सकती हैं।
* नारियल, कपूर और धतूरे के बीजो को पीस ले। जब भी आपका पति सामने हो, आप इसका तिलक लगायें। आपका पति आपके प्रेम में पागल होने लगेगा और आपकी सौतन से दूर होने लगेगा। इसको पूरे आत्म-विश्वास के साथ नियमित करें। इस उपाय से आपके पति पर आपके रूप सौन्दर्य का जादू चढ़ जायेगा और वह सौतन से कोसों दूर हो जायेगा।
* ये उपाय आपको भगवान श्री कृष्ण का नाम ले कर करना है। शुक्रवार के दिन 3 इलायची लें। इन्हें अपने पहने हुए परिधान में लपेट कर रख लें। अगले दिन शनिवार को इन्हें पीस कर खाने में मिला कर अपने पतिदेव को खिला दें। इस टोटके को लगातार 3 शुक्रवार करें। ऐसा करने पर आपक पति ख़ुद ब ख़ुद आपके प्यार में दीवाना होने लगता है। और सौतन अपने आप दूर हो जाती है।
* साबूत पान के पत्ते पर चंदन तथा केसर का चूर्ण मिलाकर अपने मस्तक पर तिलक लगाएं तथा पति अथवा उनके चित्र के समक्ष जाएं। यह प्रयोग निरंतर 43 दिनों तक करें, तथा नित्य नया पान का पत्ता इस्तेमाल करें जो कहीं से कटा-फटा न हो। अंतिम दिन सभी पान को एकत्र कर बहते हुए पानी में बहा दें। आप में सम्मोहक शक्ति आ जाएगी।
* ति को अपने वश में रखने के लिए बहुत ही कारगर उपाय पत्नी की यौन क्षमता में पर्याप्तता का होना और अपने मोहपाश में बांधने लायक यौनाकर्षण को प्रदर्शित करना भी है। ऐसा होने पर दूसरी औरत के पीछे भागने वाला पति अपनी पत्नी के शारीरिक और फिर मनोवैज्ञानिक आकर्षण में बंधने बच नहीं पाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पत्नी को चाहिए कि वह शुक्र ग्रह को ठीक करने के लिए कामदेव मंत्र का विधिवत जाप करे।
* सौतन से छुटकारा पाने के लिए शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को सुबह के समय स्नान के पश्चात् अपने पूजन स्थल में एक थाली में केसर से स्वास्तिक बनाएं और वहां पर गंगाजल छिड़का हुआ मोती शंख स्थापित करें। अब फूल और बताशों से इसका पूजन करें। पूजन में गाय के घी का प्रयोग करें। अब स्फटिक की माला से ‘ऊं हृीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा’ एक महीने तक रोज़ 108 बार जाप करें। इस टोटके से आप किसी को भी वश में कर सकते हैं।