Ganesh Chaturthi 2018 : इस तरह रखें गणेश जी का व्रत, मिलेगी तेज बुद्धि और मनचाही सफलता

हर इंसान चाहता है कि उसको तेज बुद्धि और मनचाही सफलता की प्राप्ति हो। खासतौर पर एक विद्यार्थी तो यह कामना करता ही हैं, ताकि उसको जीवन के हर मोड़ पर सफलता मिले। इसके लिए गणेश जी का व्रत सबसे उचित माना जाता हैं, क्योंकि गणपति जी को बुद्धि का देवता माना जाता हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए गणेशोत्सव के दौरान व्रत रखना सबसे उचित होता हैं। इसलिए आज हम आपको गणेश जी की पूजा और व्रत करने की उचित विधि बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

* बप्पा को सजा-धजा कर चढ़ाएं रोली-शहद

घर के मंदिर में गणेश प्रतिमा रख कर कलश स्थापना करें। अक्षत को कलश के ऊपर रखें। गणेश जी को नई पीली धोती, जनेऊ, आभूषण, माला, इत्यादि धारण कराएं। दूर्वा, पान, सुपारी, इत्र, दुग्ध, दही, शहद, रोली, सिन्दूर, पुष्प इत्यादि विधिवत पूजन के बाद अर्पित करें। विद्यार्थी अपनी प्रिय पुस्तकें और कलम भी वहां रखें। धर्मिक किताबें, मुख्य क्लास नोट्स और वो विषय जो आपका रुचिकर हो और वो जो कठिन हो वे पुस्तकें श्री गणेश प्रतिमा के सम्मुख रखें।

* इस तरह से करें गणेश पूजन

पूजा में आस्था और समर्पण ही मुख्य है। प्रातः स्नान के बाद मंदिर और घर को साफ करें। गंगा जल से पवित्र करें। अब मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा को विधिवत आसान दें। लाल कपड़ा या केले के पत्ते का ही आसन दें। अक्षत और लाल पुष्प चढ़ाएं। धूप,अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं। पान के पत्ते पे सुपारी रखके चढ़ाएं। अपनी पुस्तकें और कलम रखें। अब श्री गणेश पूजन करें। गणेश जी का मुख पूर्व या उत्तर या उत्तर पूर्व ही होना चाहिए। गणेश जी को पंचामृत से ही स्नान कराएं। चंदन,दूर्वा और मोदक तथा सुपारी अर्पित करें। गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है। कलश स्थापना भी विधिवत शास्त्रोक्त पूजन के बाद ही रखा जाएगा। गणेश जी की प्रतिमा के सम्मुख एक ताम्र पात्र में जल और उस पर फूल के कटोरे में चावल अवश्य रखा हो।

* करें इस मंत्र का जाप

महामंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप करें। जपने के उपरांत हवन करें। ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होकर आपके प्रत्येक मनोकामना को पूर्ण करते हैं। किसी भी कार्य को निर्विध्न रूप से पूर्ण होने के लिए श्री गणेश जी की पूजा अत्यंत आवश्यक है। आप विद्या आगमन हेतु श्री गणेश जी के नामों का भी जाप कर सकते हैं। इस अवसर पर भंडारा और धार्मिक पुस्तक का वितरण अवश्य करें।

* बीज मंत्र का जप करने से होगा लाभ

जन्म कुंडली में पंचम भाव शिक्षा का होता है और नवम भाग्य का होता है। गणेश जी के प्रतिमा के सम्मुख पंचमेश और नवमेश के ग्रहों के बीज मंत्र का जप करिये तो लाभ होगा। दशम भाव कर्म का होता है। गणेश जी के स्तुति मंत्र के बाद दशम भाव में स्थित ग्रह के बीज मंत्र का जप करने से पढ़ाई के उपरांत अच्छी जाब मिलती है।

* 108 बार लिखें श्री गणेश जी का नाम


छात्र लाल कलम से कम से कम 108 बार श्री गणेश जी का नाम लिखें। प्रातः काल ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करें। उपनयन ज्ञान और विद्वता का प्रतीक है। रोज प्रातः नया जनेऊ गणेश जी को पहनाएं। पूजन के समय कुछ पेन, जनेऊ उनको अर्पित करके रख लें और पूरे वर्ष उसका प्रयोग करें।