घर का पूजाघर भी फैला सकता हैं नकारात्मकता, ना करें इससे जुड़ी ये गलतियां

जब भी कभी घर बनवाया जाता हैं तो सबसे पहले पूजा घर का ध्यान रखा जाता हैं कि वह कहां बनाया जाएगा क्योंकि वह घर में सकारात्मकता फैलाने का काम करता हैं और उससे सभी की आस्था जुड़ी होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की यही पूजाघर नकारात्मकता भी फैला सकता हैं अगर इससे जुड़ी कुछ गलतियां की जाए तो। आज इस कड़ी में हम आपको वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में पूजाघर से जुड़े नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनका पालन कर नकारात्मकता से बचा जा सकता हैं।

इस दिशा में बनवाए पूजा घर

घर का ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है। इसलिए पूजारूम भी घर की इसी दिशा में बनवाना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्घि व खुशहाली बनी रहती है।

सफाई का रखें ध्यान

घर को साफ रखने के साथ पूजा घर की सफाई पर भी विशेष ध्यान दें। भगवान जी की मूर्तियों के वस्त्र भी रोजाना बदलने चाहिए।

सीढ़ियों के नीचे न हो मंदिर

अगर आप का पूजा घर सीढ़ियों के नीचे बना है तो तुरंत उसकी जगह बदल लें। नहीं तो घर का वातावरण नकारात्मक ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ऊर्जा से भर जाता है। घर के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है। मानसिक तौर पर परेशानियां होने के साथ धन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

बेसमेंट में न बनवाए पूजाघर

घर की बेसमेंट में पूजाघर बनवाने से की गई पूजा का फल नहीं मिलता है।

हल्के रंग का करें पेंट

इसे हमेशा हल्के रंग से पेंट करना चाहिए। आप चाहें तो अपने पूजा घर के लिए सफेद, क्रीम, पीला या कोई हल्का सा रंग चुन सकते हैं।

सही दिशा में हो भगवान की मूर्तियां

पूजा घर के साथ उसमें रखी मूर्तियों की दिशा पर भी खास ध्यान देना चाहिए।‌ ऐसे में भगवान शिव, विष्णु, सूर्य भगवान, कार्तिकेय जी, गणेश जी और दुर्गा मां की मूर्तियां हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके स्थापित करें। साथ ही कुबेर व भैरव जी की मूर्तियां दक्षिण की ओर मुंह करके स्थापित करें। मगर हनुमान जी का मुंह दक्षिण या नैऋत्य की तरफ होना चाहिए।

सीढ़ियों के नीचे न हो मंदिर

अगर आप का पूजा घर सीढ़ियों के नीचे बना है तो तुरंत उसकी जगह बदल लें। नहीं तो घर का वातावरण नकारात्मक ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ऊर्जा से भर जाता है। घर के सदस्यों में मनमुटाव बना रहता है। मानसिक तौर पर परेशानियां होने के साथ धन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

बेसमेंट में न बनवाए पूजाघर

घर की बेसमेंट में पूजाघर बनवाने से की गई पूजा का फल नहीं मिलता है।

हल्के रंग का करें पेंट

इसे हमेशा हल्के रंग से पेंट करना चाहिए। आप चाहें तो अपने पूजा घर के लिए सफेद, क्रीम, पीला या कोई हल्का सा रंग चुन सकते हैं।

सही दिशा में हो भगवान की मूर्तियां

पूजा घर के साथ उसमें रखी मूर्तियों की दिशा पर भी खास ध्यान देना चाहिए।‌ ऐसे में भगवान शिव, विष्णु, सूर्य भगवान, कार्तिकेय जी, गणेश जी और दुर्गा मां की मूर्तियां हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके स्थापित करें। साथ ही कुबेर व भैरव जी की मूर्तियां दक्षिण की ओर मुंह करके स्थापित करें। मगर हनुमान जी का मुंह दक्षिण या नैऋत्य की तरफ होना चाहिए।

इस दिशा पर बैठकर करें पूजा

पूजा करने के लिए हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा उत्तम मानी जाती है। इससे ज्ञान में वृद्धि होने के साथ भगवान जी की विशेष कृपा मिलती है।

पूजा घर में रखें शंख

पूजा घर में शंख रखने से घर में पॉजिटिविटी बढ़ती है। वातावरण शुद्ध होने से घर के सदस्यों में एकता, खुशहाली बरकरार रहती है।

खंडित मूर्तियों को रखने से बचें

कभी भी पूजा घर में खंडित मूर्तियां नहीं होनी चाहिए। नहीं तो घर में नेगेटिविटी फैल जाती है। ऐसे में बनते- बनाने काम भी बिगड़ने लगते हैं।

मुरझाए फूलों को तुरंत हटाए

अगर आप भगवान जी को ताजे फूल या इससे तैयार माला चढ़ाते हैं तो इसके मुरझाने के बाद इन्हें तुरंत वहां से हटा दें।