Holi 2018 : राश‍ि के अनुसार दें होली के दिन आहुति, खुलेंगे किस्मत के द्वार

फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं। होलाष्टक 23 फरवरी से शुरू होंगे और होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएंगे। इस बार होलाष्टक 7 दिनों के हैं। वहीं हिंदू मान्‍यताओं में होलिका दहन को खास दर्जा द‍िया गया है। इसकी कथा भक्‍त प्रह्लाद से जुड़ी है। 2018 में होलिका दहन 1 मार्च की शाम को होगा। 1 मार्च को सायंकाल 06:26 मिनट से रात्रि 08:55 मिनट तक है। कुल अवधि 2:29 घंटे की प्राप्त हो रही है। पूर्णिमा भी 1 मार्च को प्रातः 08:57 मिनट से 2 मार्च को शाम 06:21 मिनट तक है। होलाष्टक के शाब्दिक अर्थ पर जाएं तो होला+अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन, जो दिन होता है, वह होलाष्टक कहलाता है। ऐसा भी माना जाता है कि वैज्ञानिक एवं पौराणिक विवरण के अनुसार होलाष्टक में प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते।

इसलिए होलाष्टक शुरू होने से होलिका दहन तक सभी शुभ कामों को टाल देना चाहिए।

होलिका दहन में आहुति डालने की भी एक परंपरा है। कहा जाता है कि होलिका की अग्‍न‍ि में आहुति डालने से व्‍यक्‍त‍ि के सभी दोष और पाप मिट जाते हैं। होलिका में कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर आदि की आहुति दी जाती है। लेकिन इस आ‍हुति को अगर राश‍ि के अनुसार डाला जाए तो ज्‍यादा अच्‍छा रहता है।

राश‍ि के अनुसार दें आहुति

होलिका दहन के दिन यदि आप सम्मत में अपने राशि अनुरूप पदार्थ अग्नि में डालते हैं तो भी पापों का शमन होता है।

- मेष और वृश्चिक राशि के लोग गुड़ की आहुत‍ि दें
- वृष राश‍ि वाले चीनी की आहुत‍ि दें

- मिथुन और कन्या राशि के लोग कपूर की आहुत‍ि दें
- कर्क के लोग लोहबान की आहुत‍ि दें
- सिंह राश‍ि के लोग गुड़ की आहुत‍ि दें

- तुला राश‍ि वाले कपूर की आहुत‍ि दें
- धनु और मीन के लोग जौ और चना की आहुत‍ि दें
- मकर और कुम्भ राश‍ि के लोग तिल को होलिका दहन में डालें