हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन चैत्रकृष्ण प्रतिपदा में रंग खेला जाता है। आज हम आपको बताते हैं किस समय होलिका दहन करने का सही योग बन रहा है। बता दें कि एक मार्च यानी आज की सुबह 8:05 तक चतुर्दशी तिथि रहेगी और फिर उसके बाद भद्रा शुरु हो जाएगी जो शाम 7.15 बजे तक खत्म होगी तो होलिका दहन का भी सही योग 7.15 रहेगा। भारत में कई जगह रगं को दुल्हैंडी भी कहा जाता है। इस दिन होलिका दहन से पूजा की जाती है। कई जगह तो कुछ लोग घर में भी छोटा सा होलिका दहन करते हैं।
होलिका दहन के दिन करें इस प्रकार पूजा: - होलिका दहन के दिन सबसे पहले पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मूंह करके बैठें।
- पूजा में माला, रोली, चावल, फूल, गुलाल, हल्दी आदि का इस्तेमाल करें।
- फिर कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटकर लोटे का शुद्ध जल व अन्य सामग्री को समर्पित कर होलिका पूजन करें।
- इसके बाद जब होलिका दहन हो तो दहन के समय नई फसल की गेहूं की बालियां लें और उनमें भूल लें।
- इसके बाद अपने सभी सगे संबंधियों में इन्हें बांटे। ऐसा करने से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है और कई कष्टों से राहत मिलती है।