फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं। होलाष्टक 23 फरवरी से शुरू होंगे और होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएंगे। इस बार होलाष्टक 7 दिनों के हैं। इनमें कोई शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है। सभी 9 ग्रह अष्टमी से पूर्णिमा तक उग्र रहेंगे।
होलाष्टक के शाब्दिक अर्थ पर जाएं तो होला+अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन, जो दिन होता है, वह होलाष्टक कहलाता है। ऐसा भी माना जाता है कि वैज्ञानिक एवं पौराणिक विवरण के अनुसार होलाष्टक में प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते।
इसलिए होलाष्टक शुरू होने से होलिका दहन तक सभी शुभ कामों को टाल देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर इन दिनों कोई शुभ काम इन दिनों किया जाता है तो उसमें बार-बार विघ्न आती है। इसलिए इस दौरान शादी, नामकरण संस्कार, ग्रह प्रवेश और भी मांगलिक कार्यों नहीं करने चाहिए।
कब कौनसा ग्रह होगा उग्र23 फरवरी अष्टमी को चंद्र ग्रह।
24 फरवरी नवमी को सूर्य ग्रह।
25 फरवरी दशमी शनि।
26 फरवरी एकादशी शुक्र।
27 फरवरी द्वादशी को गुरु।
28 फरवरी त्रयोदशी को बुध।
01 मार्च को चतुर्दशी व पूर्णिमा दोनों होने से मंगल व राहू ग्रह उग्र रहेंगे।