गोवर्धन के दिन जरूर करें ये काम, होती है सुख-सौभाग्य की प्राप्ति

दीपावली के अगले दिन अर्थात कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजन किया जाता हैं। इससे जुडी पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गाँव वालों की इन्द्रदेव की वर्षा से रक्षा की थी और आज ही के दिन श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी, तभी से यह प्रथा चली आ रही हैं। इसी के साथ आज के दिन कई तरह के पकवान बनाकर भगवान विष्णु को भोग चढ़ाया जाता हैं, जिससे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं। अगर आप भी चाहते है कि आपके घर में सुख-सौभाग्य का आगमन हो, तो हमारे द्वारा बताए जा रहे ये काम जरूर करें।

* आज के दिन यथा शक्ति विभिन्न प्रकार की साग(चौदह शाकों हो तो अति उत्तम है), सब्जियों से घी में बने पुलाव से भगवान को भोग लगाकर उसके बाद सबके साथ मिल जुल कर प्रसन्नता से प्रसाद रूप में ग्रहण करने से भी घर में प्रेम एवं धन धान्य की व्रद्धि होती है।

* याद रखिये भगवान को भोग लगाने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की स्त्रियाँ घर में ही मिल जुल कर नाना प्रकार के व्यंजन करें तो शीघ्र ही शुभ समाचारों की प्राप्ति होती है , भगवान को भोग लगाने के बाद इन भोज्य पदार्थों को अपने बंधू बांधवों , पड़ोसियों को भी प्रसाद के रूप में देने से शुभता की प्राप्ति होती है ओर घर में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

* इस दिन को गौ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, आज के दिन गायों की सेवा करने का बहुत महत्व है। जिनके यहाँ गायें है वे उन्हें स्नान कराकर कुमकुम अक्षत लगाकर माला पहनकर उनकी पूजा करे उन्हें मिष्ठान खिलाएं जिनके पास गायें नहीं है वह भी किसी गौशाला में जाकर अथवा राह में किसी भी गाय को मिष्ठान / भोग लगाकर अपने सौभाग्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें । माना जाता है की इस दिन सच्चे मन से गायों की सेवा करने से उस व्यक्ति के घर वर्ष भर किसी भी प्रकार से दूध , घी या अन्य भोज पदार्थ की कमी नहीं होती है दूसरे शब्दों में स्थायी रूप से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।

* इस दिन श्री कृष्ण भगवान को पंचामृत से स्नान कराकर उन्हें तुलसी, पीले फूल चदतकर उनकी पूजा करें उन्हें फल, मिठाई, नैवेद्य , लौंग, इलाइची, सिंघाड़ा, आँवला और घर के बने पकवानों का भोग लगाकर उनकी आरती करें।

* इस दिन घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भगवान का प्रशाद ( भोजन ) करें इससे उस परिवार में प्रेम और सहयोग बना रहता है, बड़ो को पूरा सम्मान मिलता है , संतान संस्कारी, आज्ञाकारी बनती है घर में अन्न धन की कोई भी कमी नहीं रहती है।