महाशिवरात्रि 2018 : अगर जीवन में करेंगे ये पाप तो करना पड़ सकता है भगवान शिव के क्रोध का सामना

कहा जाता है कि 'इंसान गलतियों का पुतला है"। समय-समय पर इंसान से गलतियां होती रहती हैं, जिसके लिए वह पश्च्याताप और भगवन से क्षमा याचना भी करता हैं। लेकिन कुछ काम ऐसे होते हैं जिसके लिए भगवान शिव कभी भी क्षमा नहीं करते हैं। इसलिए कुछ कामों को करने से बचना चाहिए क्योंकि ये पाप की श्रेणी में आते हैं और भोले-भंडारी इसके लिए क्षमा भी नहीं देते। तो आइये जानते हैं उन पाप कर्मों को जिनको करने से बचना चाहिए।

* शादी तोड़ने की कोशिश : भगवान शिव को ऐसे लोग बिल्कुल पसंद नहीं हैं, जो अपने रिश्ते में ईमानदारी नहीं रखते। खासतौर से किसी दूसरे की शादीशुदा जिंदगी को तोड़ने की कोशिश करने से भोलेनाथ नाराज होते हैं और इस पाप को माफ नहीं करते। दूसरे के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में आता है।

* पराये धन पर नजर : किसी और के रुपयों पर गन्दी नजर डालना शिव की दृष्टि से क्षमा नहीं करने वाला अपराध है। दूसरों के पैसों को अपना बनाने की सोच रखने वाले इंसान को शिव कभी माफ़ नहीं करते। आपकों दूसरों का धन अपना बनाने की चाह कभी नहीं रखना चाहिए।

* कष्ट देना : किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाना या उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखना भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है।

* सोच में दूसरे का बुरा सोचना : भले ही आप अपने व्यवहार से किसी को दुःख नहीं पहुंच रहे हो, लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति के लिए यदि आपके दिमाग में बुरी सोच है तो यह शिव की दृष्टि में अपराध है। किसी का बुरा सोचना भी आपको इस पाप का भागी बनाता है।

* गलत रास्ता अपनाना
: कुछ लोग रास्ता भटक जाते हैं, पर सही निर्देश मिलने पर वापस सही रास्ते पर आ जाते हैं। पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सही सुझाव मिलने के बावजूद बुराई का साथ नहीं छोड़ते और बुरी राह को खुद चुनते हैं। ऐसे लोगों के पाप अक्षम्य होते हैं।

* गर्भवती महिला को कुवचन : किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना शिव की नजरों में अक्षम्य अपराध और पाप है।

* अफवाह फैलाना : समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।

* नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ बोलना : किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना 'छल' की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।

* बुरी सोच : शिव पुराण के अनुसार जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद, उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो, लेकिन आपकी बोली अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है।