नवरात्रि 2020 : कन्याओं को इन 6 चीजों का दान मातारानी को करता हैं प्रसन्न

नवरात्रि का पावन पर्व जारी हैं जो कि मातारानी को समर्पित होता हैं। नवरात्रि के इन दिनों में कन्याओं को माता का स्वरुप मानते हुए पूजन किया जाता हैं और उनका आशीर्वाद लिया जाता हैं ताकि मातारानी की कृपा प्राप्त की जा सकें। ऐसे में कन्याओं को घर बुलाकर उनका पूजन करते हुए भोजन कराया जाता हैं। इसी के साथ ही कन्याओं को उपहार भी भेंट किए जाते हैं। उपहार का विशेष महत्व माना जाता हैं जो आपके जीवन पर भी असर डालता हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे उपहारों की जानकारी लेकर आए हैं जिनको कन्‍याओं को देने से भगवती आप पर प्रसन्‍न होती हैं।

मिठाई

कन्‍याभोज को करने के लिए आपको कम से कम एक मिठाई भी शामिल करनी चाहिए। अगर किसी वजह से आप मिष्‍ठान शामिल न कर सकें तो घर में साफ-सुथरे ढंग से बनाया हुआ सूजी या फिर आटे का हलवा भी माता का भोग लगाकर कन्‍याओं को खिला सकते हैं। ऐसा करने से आपके गुरु ग्रह की मजबूती बढ़ती है और मां भगवती भी आपसे प्रसन्‍न होती हैं।

लाल वस्‍त्र

नवरात्र में आप कन्‍या भोज करें तो कन्‍याओं को उपहार के रूप में लाल वस्‍त्र देने का विशेष महत्‍व होता है। अगर किसी वजह से आप लाल वस्‍त्र देने में असमर्थ है तो सभी कन्‍याओं को लाल रंग की चुनरी दे सकते हैं। लाल रंग को वृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इसके साथ ही लाल रंग मां की पोशाक का रंग होने के कारण भी बेहद शुभ माना जाता है। वहीं लाल रंग के वस्‍त्र देने से आपका मंगल भी मजबूत होता है।

फल भी होते हैं शुभ

नवरात्र का कन्‍या भोज करने में कन्‍याओं को कम से कम एक मौसमी फल जरूर देना चाहिए। माना जाता है कि नवरात्र में कन्‍याओं को फल देने से आपको आपके अच्‍छे कर्मों का फल कई गुना वापस होकर प्राप्‍त होता है। फलों में सबसे शुभ केला और नारियल को माना जाता है। माना जाता है केला विष्‍णुजी का प्रिय फल और नारियल यानी श्रीफल मां लक्ष्‍मी को प्रिय है। इन दोनों को ही दान करने से आपके घर की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।

सिक्‍के

नवरात्र में कन्‍याओं को विदा करते समय उन्‍हें दक्षिणा के स्‍वरूप कुछ रुपये-पैसे भी जरूर देने चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी आप पर प्रसन्‍न होती हैं और आपके भंडार भर देती हैं। हो सके तो कन्‍याओं को अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार 11, 21 या फिर 51 रुपये देने चाहिए।

ऋंगार सामग्री

नवरात्र में कन्‍या भोज कराने के बाद भेंट में कन्‍याओं को ऋंगार की सामग्री भी उपहार में दे सकते हैं। यह ऋंगार सामग्री पहले माता को अर्पित करनी चाहिए और उसके बाद छोटी-छोटी कन्‍याओं में बांट देनी चाहिए। मान्‍यता है कि कन्‍याओं द्वारा ग्रहण की गई ऋंगार सामग्री सीधे माता द्वारा स्‍वीकार कर ली जाती है।

चावल या जीरा

परंपराओं के अनुसार कन्‍याओं को जब विदा किया जाता है तो विदाई में उनको कोचा दिया जाता है। इस कोचे में चावल और गुड़ दिया जाता है। मान्‍यता है कि इससे आपके घर के धन-धान्‍य में वृद्धि होती है। नवरात्र में भी आप कन्‍या भोज करें तो विदा करते समय कन्‍याओं को उपहार के साथ थोड़ा सा चावल और जीरा भी देना चाहिए। इससे आपके घर में संपन्‍नता बढ़ती है।