वर्तमान समय में युवा वर्ग में धेर्य और संयम की कमी साफ़ तौर पर देखी जा सकती हैं। जिसके चलते उनको समय के साथ होने वाले कामों में भी बाधा आती हैं। जीवन में कई परिस्थितियाँ ऐसी आती हैं जब व्यक्ति को संयम के साथ उनका सामना करना चाहिए। लेकिन इन विषम परिस्थितियों में वह कुछ गलत फैसले ले लेता हैं, जिसमें सबसे ऊपर आता हैं घर छोड़ कर भाग जाना। ऐसे में व्यक्ति के परिवार वालों को कई कष्टों का सामना करना पड़ता हैं और वे घर छोड़ कर भागे हुए व्यक्ति के वापस लौटने की कामना करते रहते हैं। भगवान से प्राथना के साथ कुछ उपाय करने की भी आवश्यकता होती है जिससे कि भगा हुआ व्यक्ति वापस लौट आये। तो आज हम आपको कुछ ऐसे टोटके बताने जा रहे हैं जो घर से भागे व्यक्ति को वापस लाने में आपकी मदद करेंगे। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* गुमशुदा व्यक्ति का अंग लगा हुआ कोई भी वस्त्र लेकर सिलबट्टे के नीचे रख कर उस पर देसी घी का दीया जलाएं। उसके समीप बैठकर हल्के-हल्के से सिल पर छड़ी से वार करें। घर से गायब व्यक्ति जैसी भी हालत में होगा आपको तीन दिन के भीतर उसका समाचार मिलेगा।
* एक साफ भोजपत्र लेकर उस पर जल छिडक कर स्वच्छ कर लें। लाल चंदन को घिस कर लेप बना लें। इस लेप से अनार की कलम द्वारा म्रि यंत्र भोजपत्र पर बना लें। यंत्र मे अमुक वाले स्थान पर गये हुए व्यक्ति का नाम लिख दें। फिर एक छोटा मिट्टी का नया कलश एवं उस पर ढक्कन ले आयें। इस कलश में यंत्र रख दें। कलश के मुंह पर ढक्कन रखें। ढक्कन में तांबें के 5 गोमती चक्र, 5 सिक्के एवं 9 कौडिया रखें। कलश को उस कमरे के ईशान कोण में भूमि पर जल छिडक कर रख दें, जहां वह व्यक्ति सोता था। यहीं पूर्व की ओर मुंह करके एक माला निम्र मंत्र की करें। मंत्र जाप के पत उपले की आंच पर बर्फी के प्रसाद का भोग लगावें। इससे भागा व्यक्ति आपके पास वापस आ जायेगा।
* कपूर की टिकिया जला कर उस पर मिट्टी का दीपक उल्टा रखकर काजल बना लें। इस काजल से गये हुए व्यक्ति के वस्त्र पर दाहिने हाथ की सबसे बडी अंगुली से यंत्र बनायें। यंत्र बनाने के पश्चात् इस वस्त्र को हाथ में लेकर यह भावना करते हुए उसका नाम उच्चारण करें कि वह शीघ्र वापस लौट आये अथवा सूचना दें। ऎसा करने के बाद इस वस्त्र को पूजा स्थल के नीचे भारी वस्तु से दबा कर रख दें। गया हुआ व्यक्ति शीघ्र अपने बाने में सूचना देगा या वापस लौट आयेगा।
* "ओम नमो काली कलिका, को आकर्शय आकर्शय। बड़े वेग आकर्शय जिन वाटे जाई सोई वाट खिलूँ। ओम श्रीं ह्रीं आकर्षण आकर्षण स्वाहा।" इस मंत्र का जाप 1000 की संख्या मे करना चाहिये जाप आप खुद भी कर सकते हो या किसी अच्छे कर्म कांड करने वाले ब्राह्मण से भी करवा सकते हो। जाप के पस्चात हवन करना जरूरी है। हवन हर रोज भी किया जा सकता है। 108 आहुति देते हुये हर रोज हवन कर सकते है खाली जगह पर उसका नाम लें जिसको बुलाना हो। काली पूजन करें काली मंदिर मे हर रोज सरसों के तेल का दीपक जलाएं इसके साथ 15 का यंत्र भी प्रयोग करे तो कार्य अति शीघ्र पूर्ण होगा ।