Ganga Dussehra 2020 : इन 10 तरह के पापों से मुक्ति दिलाता हैं गंगा स्नान

आज ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि हैं जिसे गंगा मैया के धरती लोक पर आने के पर्व के तौर पर गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता हैं। स्वर्ग की नदी गंगा धरती पर पापों का नाश प्राणियों का उद्धार करने के उद्देश्य से आई थी। वैसे तो गंगा स्नान पापों से मुक्ति दिलवाता ही हैं , लेकिन आज के दिन किया गया गंगा स्नान धार्मिक ग्रंथों में बताए गए 10 तरह के पापों से मुक्ति दिलाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं पापों की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं उनके बारे में।

धार्मिक ग्रंथों के आधार पर पाप 10 तरह के होते हैं। यानी कोई भी मनुष्य और चराचर जीव इन 10 तरह के पापों के अतिरिक्त किसी पाप क्रम में लीन नहीं हो सकता। या कहिए कि हर तरह का पाप इन 10 श्रेणियों में आ जाता है। इन 10 तरह के पापों को 3 वर्गों में बांटा गया है। ये वर्ग हैं कायिक, वाचिक और मानसिक। अर्थात हम 3 तरह से ही पाप कर सकते हैं, अपने शरीर से अपनी वाणी से और अपने मन या दिमाग से।

इन तीन वर्गों में पापों का विभाजन इस प्रकार है कि 3 तरह के कायिक पाप होते हैं। फिर 4 तरह के वाचिक पाप होते हैं और 3 तरह के ही मानसिक पाप होते हैं। इस तरह 3+4+3=10 अर्थात दहाईं का आंकड़ा बनता है। क्योंकि गंगा स्नान इन 10 तरह के पापों से मुक्ति दिलाता है, इसी कारण इसे दशहरा (दस तरह के पापों को हरनेवाला) कहते हैं। सनानत या हिंदू धर्म के अनुयायी इस दिन गंगा में स्नान कर पापों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।