गणेश जी की पूजा का टाइम – सुबह 11:25 बजे से 1 बजकर 55 मिनट तक ( 2 घंटे 29 मिनट)
गणेश जी की पूजा करने का तरीका गणेश पूजन सामग्री:
कच्चा दूध, शहद, बूरा, गंगाजल, घी, दही ( पंचामृत बनाने किए लिए ये 5 चीज़ें)
पवित्र जल, सूती लाल कपडा, सिन्दूर, देसी घी, इत्र, चांदी का वर्क, 2 डांडिये, 2 जनेऊ, सुपारी, पान का पत्ता डंठल वाला, मोली, रोली, चावल, पुष्प या फूल, फूल माला, लड्डू, सूखे मेवे, गुड़ धानी या अन्य कोई मिठाई और चूरमा ( भोग के लिए) ।
पूजा विधि :-
#सबसे पहले गणेश जी के हाथ जोड़ भूल चूक माफ़ी की प्रार्थना कर, पुराने चढ़े हुए सामान उतार, आस पास सफाई करनी होती है, फिर गणेश जी को थोड़े साफ़ पानी से स्नान करवाकर, पंचामृत से अच्छे से नहलाया जाता है। पंचामृत से नहलाने के बाद साफ़ जल से पुनः स्नान करवाया जाता है। फिर साफ़ कपडे से पोंछ दिया जाता है ।
#स्नान के बाद उन्हें सिन्दूर में देसी घी और इत्र मिला कर बनाये हुए चोले की मालिश की जाती है यानि सिन्दूर चढ़ाया जाता है यानी चोला चढ़ाया जाता है ।
#अच्छी तरह सिन्दूर चढ़ जाने के बाद चांदी का वर्क चढ़ाया जाता है,
इसके बाद उन्हें जनेऊ धारण करवाई जाती है, जनेऊ दांये कंधे से बांये कंधे की तरह जाती हुई पहनाई जाती है ।
# इसके बाद वस्त्र के रूप में उन्हें मोली चढाई जाती है । इसके बाद सुपारी को गणेश जी के पास स्थापित किया जाता है, सुपारी को भी पानी से स्नान कराया जाता है,
अब गणेश जी के सर पर रोली से टीका लगाया जाता है, और चांवल चढ़ाये जाते है ।
#एक टीका सुपारी पर भी लगाया जाएगा. और चांवल चढ़ाये जाएंगे। और सुपारी पर जनेऊ और मोली चढाई जाएगी। अब गणेश जी पर कुछ फूल अर्पित कर, उनपर माला चढाई जाती है . तत्पश्चात उन्हें लड्डू और अन्य उपलब्ध भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है ।
#इसके बाद डंडियों पर मोली बाँध कर गणेश जी के दाएं और बाएं रख दिए जाते है और फिर दिया जला कर आरती गायी जाती है, आरती के बाद गणेश जी को लॉन्ग का पान खिलाएंगे तो वे अच्छे से प्रसन्न हो जाते है। अंत में पूजा में हुई भूल चूक की माफ़ी मांग कर आशीर्वाद प्राप्त कर लिया जाता है ।
(यूँ तो अलग अलग जगहों पर अलग अलग विधि से पूजा की जाती है, लेकिन ज्यादातर लोगों द्वारा गणेश पूजन इसी विधि से किया जाता है)