सृष्टि के प्रारम्भ से ही मनुष्य की लालसा रही है कि लोग उसे जाने, पहचाने, मान दे सम्मान दें, दो वक्त पेट भरने की पहली आवश्यकता पूरी हो जाने के बाद नाम पाने की लालसा सबके मन में पैदा होती है। देखने में आता है कि कई बार अयोग्य व्यक्ति को ऐसे अवसर जाने-अनजाने में ही मिल जाते है कि वह सम्मानित होता है, यश पाता है। दूसरी ओर कई लोगों में योग्यता भी होती है, उन्हें अवसर भी मिलते हैं, वे पूरे प्रयास भी करते हैं, परन्तु सबके बावजू़द जब सफलता नहीं मिल पाती या कम मिलती है। यदि कोई व्यक्ति चाहता है कि उसके कार्यों की सर्वत्र सराहना हो, लोग उसका सम्मान करें, उसे समाज में आदर प्राप्त हो उसकी यश कीर्ति बड़े तो उन्हें हमारे द्वारा बताये जा रहे ये उपाय जरूर करने चाहिए, आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* ज्योतिष के अनुसार सूर्य को जल चढ़ाने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान में बढ़ौतरी होती है अौर सूर्य के कुडंली दोषों से मुक्ति मिलती है। सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। लोटे में शुद्ध जल भरकर चावल, कुमकुम, फूल अौर गुड़ आदि पूजन सामग्री भी डाल लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त सूर्य को जल चढ़ाते समय सीधे नहीं देखना चाहिए। जल चढ़ाते समय सूर्य को पानी के बीच से देखना चाहिए। इस प्रकार करने से आंखों की नेत्र ज्योति बढ़ती है।
* रात को सोने से पूर्व अपने सिरहाने पर तांबे के बर्तन में जल भरकर रखें और, प्रात:काल इस जल को अपने ऊपर से सात बार उसार करके किसी भी कांटे वाले पेड़ की जड़ में डाल दें। ऐसा नियमित 40 दिन तक करने से उसको अवश्य ही लाभ मिलेगा, लोग उसके कार्यो की सराहना करने लगेंगे।
* समाज में उचित मान सम्मान प्राप्ति के लिए रात में सोते समय सिरहाने ताम्बे के बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने /चाँदी का सिक्का या अंगूठी रख लें फिर सुबह उठकर प्रभु का स्मरण करने के बाद सबसे पहले बिना कुल्ला किये उस जल को पी लें। जल्दी ही आपकी यश ,कीर्ति बड़ने लगेगी।
* रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा।
* समाज में मान सम्मान की प्राप्ति के लिये कबूतरों/चिड़ियों को चावल-बाजरा मिश्रित कर के डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।