Navratri 2019: नवरात्रि के पहले दिन होती है घट स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में

आज से नवरात्रि के पावन पर्व का शुभारंभ हो रहा हैं और आज के दिन मातारानी के घाट स्थापना की जाती हैं। देवीभागवत पुराण के अनुसार कलश भगवान गणेश का स्वरूप है जिसमें सभी तीर्थ, समुद्र, पवित्र नदियों, वरुण सहित अनेक देवताओं का वास होता है। कलश स्थापित होने के बाद वह भगवान गणेश का स्वरूप बन जाता है जो विघ्नों को दूर करता है। ऐसे में मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जरूरी हैं कि घाट स्थापना पूर्ण पूजन विधि और शुभ मुहूर्त में की जाए। इसलिए आज हम आपके लिए घट स्थापना की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

शुभ मुहूर्त

सूर्योदय के बाद से कलश स्थापित किया जा सकता है। इस दिन सूर्योदय से 4 घंटे तक और अभिजीत मुहूर्त में मिट्टी और रेत पर कलश बैठाकर संकल्प पूर्वक कलश स्थापित करना चाहिए। इसके साथ ही नवरात्र में 9 दिनों तक देवी की पूजा करने का संकल्प लेना चाहिए। बिना संकल्प के पूजा करना अपूर्ण माना गया है

पूजन विधि

कलश स्थापना करते समय सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाने का विधान है। फिर कलश पर मौली बांधें और उसमें जल भर लें। ऐसा करने के बाद कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र और पंचरत्न, अक्षत व सिक्का डालें। इसके बाद पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछा लें और अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें। कलश का मुंह किसी चीज से ढक देना चाहिए। अगर कलश को किसी ढक्कन से ढका है तो उसे चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखना चाहिए।