'ईद-अल-जुहा' अर्थात बकरीद Bakrid 2018 को पूरे देश में खुशियों के साथ मनाया जाता हैं। इसी के साथ इस दिन मक्का में हज Hajj यात्रा पूरी हो जाती हैं। हमारे देश से भी मुस्लिम सम्प्रदाय के कई लोग इस हज यात्रा के लिए जाते हैं। कुरान में भी कहा गया है कि हर मुस्लिम को अपने जीवन में एक बार तो हज यात्रा पर जाना ही चाहिए। आपको जानकार हैरानी होगी कि हज यात्री के खर्चे का एक हिस्सा सरकार वहन करती हैं। आज हम आपको हज यात्रा से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं जो आप शायद ही जानते होंगे।
* हज यात्री को दो कैटेगरी में यात्रा करने का अवसर मिलता है। पहली है ग्रीन कैटेगरी और दूसरी अजीजिया कैटेगरी। वर्ष 2018 में हज यात्रा के लिए ग्रीन कैटेगरी के लिए करीब 2 लाख 75 हजार रुपए का खर्च आएगा।
* जबकि अजीजिया कैटेगरी के लिए करीब 2 लाख 45 हजार रुपए खर्च होंगे। अलग-अलग सुविधाओं के आधार पर ये रकम कम या ज्यादा भी हो सकती है।
* हाजियों को सऊदी अरब तक आने-जाने के लिए हवाई यात्रा खर्च 55 से 60 हजार रुपये आता है इसमें से सिर्फ 12 हजार रुपये हज जाने वाले को देने होते हैं बाकी रकम सरकार सब्सिडी के रूप में भुगतान करती है।
* सऊदी अरब ने हर देश का एक कोटा तय कर रखा है कि जो हर साल अपने यहां से कितने हाजी भेज सकते हैं। सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया को सबसे ज्यादा 2,20,000 हाजियों का कोटा दिया गया है। इसके बाद पाकिस्तान (11 फीसदी), भारत (11फीसदी) और बांग्लादेश (8 फीसदी) की बारी आती है।
* सऊदी अरब में स्थित मक्का में पहुंचकर मुस्लमान लोग वहां पर मौजूद विशाल मस्जिद अल हरम और पवित्र इमारत काबा के दर्शन करते हैं।