दशहरा स्पेशल : बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है यह त्योहार, जानें इसके महत्व के बारे में

नवरात्रि के समापन के अगले दिन दशहरा मनाया जाता हैं। यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। इस बार यह त्योहार 19 अक्टूबर को मनाया जा रहा हैं। दशहरे के पीछे वैसे तो कई कहानियां हैं लेकिन सबसे मुख्य भगवान श्रीराम की रावण पर विजय को माना जाता हैं। आज हम आपको दशहरे का महत्व और इससे जुडी श्रीराम की कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे, उनकी पत्नी का नाम सीता था एवम उनके छोटे भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण था। राजा दशरथ राम के पिता थे। उनकी पत्नी कैकई के कारण इन तीनो को चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा। उसी वनवास काल के दौरान रावण ने सीता का अपहरण कर लिया।

रावण चतुर्वेदो का ज्ञाता महाबलशाली राजा था, जिसकी सोने की लंका थी, लेकिन उसमे अपार अहंकार था। वो महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था। वास्तव में रावण के पिता विशर्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी, इसलिए रावण में एक ब्राह्मण के समान ज्ञान था एवम एक राक्षस के समान शक्ति और इन्ही दो बातों का रावण में अहंकार था। जिसे ख़त्म करने के लिए भगवान विष्णु ने रामावतार लिया था।

राम ने अपनी सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध किया, जिसमे वानर सेना एवम हनुमान जी ने राम का साथ दिया। इस युद्ध में रावण के छोटे भाई विभीषण ने भी भगवान राम का साथ दिया और अन्त में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया। इसी विजय के स्वरूप में प्रति वर्ष विजियादशमी मनाई जाती हैं।