Shraddha 2021 : पितृपक्ष के दौरान इन सपनों का दिखना दर्शाता हैं पितरों की नाराजगी, करें उपाय

पितृपक्ष जारी हैं जिसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता हैं और आशीर्वाद पाया जाता हैं। पितरों का आशीर्वाद सफलता की ऊंचाइयां दिलाता हैं तो वहीँ नाराजगी आपकी अवनति का कारण बनती हैं। पितृपक्ष के दौरान आभास होता हैं कि हमारे पूर्वज आसपास ही हैं। कई लोगों को पितर सपने में भी दिखाई देते हैं। लेकिन पितृपक्ष के दौरान सपनो में कुछ ऐसे दृश्य भी दिखाई देते हैं जो पितरों की नाराजगी को दर्शाने का काम करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन संकेतो के साथ उनके उपाय भी बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

पितरों का बार-बार सपनों में आना

पितृपक्ष के दौरान परिवार के जो लोग मर गए हैं और वह बार-बार सपनों में आ रहे हैं तो यह शुभ संकेत नहीं माना जाता है। इसका मतलब है कि वह आपसे कुछ कहने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए पितृ पक्ष में पिंडदान या तर्पण विधि करनी चाहिए और ब्राह्मण भोज कराना चाहिए ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। साथ ही उपाय के तौर आप उनकी पसंदीदा वस्तुओं का भी दान कर सकते हैं।

बार-बार अशुभ सपने आना

अगर आपको बार-बार अशुभ सपने आ रहे हैं तो यह भी आपके लिए अच्छा नहीं माना जाएगा। अशुभ सपनों में जैसे परिवार में कोई कष्ट, आपके काम बिगड़ना, बीमारी देखना, ऐसा सपना आना जिसके बाद अचानक से घबराहट में उठ गए हों तो इस तरह के डरावने सपने अच्छे नहीं माने जाते। यह संकेत होता है कि पूर्वज आपके व्यवहार से खुश नहीं हैं। वह आपको जागृत या सचेत करना चाह रहे हैं। अगर आप कुछ बड़ा कर्म करने जा रहे हैं या कोई फैसला लेने जा रहे हैं तो एक बार सोच-विचार कर लें। साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करें।

सपने में कौए का चोंच मारना

कौए का संबंध मृत्यु के देवता यमराज से माना गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौआ अगर सपने में चोंच मारता दिखाई दे रहा है तो कुछ अनहोनी का सूचक है। साथ ही धरती पर कौआ यमराज का संदेश वाहक होता है, वह एक तरफ से सभी पर नजर रखता है कि कौन मनुष्य कैसा व्यवहार कर रहा है। ऐसे में सपने में कौए का चोंच मारते देखना सही नहीं है। इसका मतलब है कि पितर आपसे नाराज चल रहे हैं और उनको आपकी किसी बात से कष्ट पहुंच रहा है। इसलिए आप रोटी को पानी में गीला करके कौए के लिए डाल दें या फिर एक बर्तन में जल और रोटी मिलाकर छत पर रख दें। ऐसा करने से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है और पितरों को भी संतुष्टि मिलती है।

पितरों को कष्ट में देखना

सपने में देह त्याग चुके लोगों को कष्ट में देखना या फिर भोजन-पानी मांगना अच्छा नहीं माना जाता। इससे पता चलता है कि वह आपसे नाराज हैं और आने वाले समय में बड़ी बाधा आ सकती है। इसलिए उनकी आत्मा की शांति के लिए और उनको कष्टों को दूर करने के लिए किसी विद्वान द्वारा घर में रामायण या फिर गीता का पाठ करना चाहिए। साथ ही यह भी दिखवाएं की कहीं आप पितृ दोष से पीड़ित तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो पितृदोष से मुक्ति के लिए पितरों की आत्मा की शांति के उपाय करने चाहिए।

यमदूतों का दिखाई देना

पितृपक्ष के दौरान सपनों में यमदूतों को दिखाई देना अच्छा नहीं माना जाता। यमदूतों को पितरों का साथी माना जाता है क्योंकि वह पितरों को उनके रास्ते पर ले जाने वाले भी होते हैं। अगर सपने में यमदूत दिखाई दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके पितर कष्ट में हैं और आपसे नाराज हैं। पितृपक्ष में उनकी संतुष्टि के लिए उनकी पूजा करें और अन्न-जल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का कष्ट दूर होता है और आशीर्वाद देते हैं।

सपने में पूर्वजों को रोते हुए देखना

सपने में अगर मरे हुए लोगों को रोते हुए देख रहे हैं तो यह शुभ संकेत नहीं माना जाता। इसके अर्थ है कि उनकी जो इच्छाएं थीं, वह अभी पूर्ण नहीं हुई हैं और उनको अभी मोक्ष की प्राप्ति नहीं हुई है। इसलिए उनके नाम का दान देना चाहिए और आत्मा की शांति का प्रबंध करना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि धरती पर मौजूद संतान के द्वारा दिए गए अन्न जल से ही पितरों को संतुष्टि मिलती है। इसलिए उनसे गलती के लिए क्षमा मांगे और अन्न-जल की व्यवस्था करें।

सपने में संतान को बीमार देखना

अगर आप सपने में अपनी संतान को बार-बार बीमार होता हुआ देख रहे हैं तो यह शुभ नहीं माना जाता। कहा जाता है कि संतान को जो भी सुख मिलता है, उनमें पूर्वजों का ही आशीर्वाद होता है। अगर आप सपने में बार-बार संतान को बीमार देख रहे हैं तो इसका संकेत है कि आपके पूर्वज नाराज हैं और आपको सूचित कर रहे हैं कि अपने कर्मों में उनका भी ध्यान रखें अन्यथा आने वाले समय में कष्टों का सामना करना पड़ सकता है और कोई गंभीर बीमारी हो सकती है।

सपने में कुत्ते का काट लेना

पितृपक्ष के दौरान सपने में अगर कुत्ता काट लेता है तो यह शुभ संकेत नहीं माना गया है। कुत्ते का संबंध भी यमदूत से माना गया है और श्राद्ध के दौरान जब पंच ग्रास निकाला जाता है तो उसमें कुत्ते को भी भोजन दिया जाता है। इनको भी पितृगणों का साथी माना जाता है। सपने में अगर कुत्ता काट लेता है तो इसके दो मतलब हो सकते हैं। पहले तो पितर आपसे नाराज चल रहे हैं और दूसरा कुंडली में राहु शुभ स्थिति में नहीं है। ऐसे में आप हर शनिवार को चितकबरे कुत्तों को रोटी पर तेल लगाकर खिला दें और पीपल पर जल देना शुरू कर दें, ऐसा करने पितरों की भी नाराजगी दूर हो जाती है और राहु का अशुभ प्रभाव भी नहीं मिलता। साथ ही नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें।)